दिल्ली। उत्तर प्रदेश से बाबा रामदेव का फूड एंड हर्बल पार्क कहीं नहीं जाएगा. ग्रेटर नोएडा में ही रहेगा. पार्क को शिफ्ट करने की खबरों के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने बाबा रामदेव से फोन पर बात की.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सीएम योगी ने बाबा रामदेव को आश्वासन किया कि यूपी से बाहर फूड पार्क नहीं जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि मामले को जल्द सुलझा लिया जाएगा.
योगी सरकार पर बरसे थे बालकृष्ण
मंगलवार को पतंजलि कंपनी के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने ट्वीट कर बताया था कि पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क को यूपी से बाहर शिफ्ट किया जाएगा.
आचार्य बालकृष्ण ने अपने ट्वीट में कहा था कि ”आज ग्रेटर नोएडा में केंद्रीय सरकार से स्वीकृत मेगा फूड पार्क को निरस्त करने की सूचना मिली है. श्रीराम व कृष्ण की पवित्र भूमि के किसानों के जीवन में समृद्धि लाने का संकल्प प्रांतीय सरकार की उदासीनता के चलते अधूरा ही रह गया. पतंजलि ने प्रोजेक्ट को अनयत्र शिफ्ट करने का निर्णय लिया”. बाद में मीडिया से बालकृष्ण ने कहा कि यूपी में केवल धींगा-मस्ती हो रही है, काम नहीं हो रहा. हमारी फाइल कहां है पता नहीं.
आज ग्रेटर नोएडा में केन्द्रीय सरकार से स्वीकृत मेगा फूड पार्क को निरस्त करने की सूचना मिली
श्रीराम व कृष्ण की पवित्र भूमि के किसानों के जीवन में समृद्धि लाने का संकल्प प्रांतीय सरकार की उदासीनता के चलते अधूरा ही रह गया #पतंजलि ने प्रोजेक्ट को अन्यत्र शिफ्ट करने का निर्णय लिया pic.twitter.com/hN6LRbhO4i— Acharya Balkrishna (@Ach_Balkrishna) June 5, 2018
यह था पतंजलि फ़ूडपार्क Noida के प्रस्तावित विशाल संस्थान का स्वरूप, जिससे मिलता हज़ारों लोगों को रोज़गार तथा जिससे प्राप्त होता लाखों किसानों को समृद्धशाली जीवन… pic.twitter.com/QDRTihINRL
— Acharya Balkrishna (@Ach_Balkrishna) June 5, 2018
असल विवाद की वजह टाइटल सूट
पतंजलि ग्रुप के प्रवक्ता एसके तिजारावाला के मुताबिक नोएडा में बननेवाले पतंजलि फूड पार्क की जमीन के टाइटल सूट के लिए केंद्र सरकार की ओर से 2 बार नोटिस भेजा गया.
लेकिन योगी सरकार की ओर से पतंजलि को टाइटल सूट नहीं सौंपा गया. इस वजह से ये दिक्कतें आई है. यही नहीं इस 2 फूड पार्क को लेकर भी दिक्कत आ सकती है. ग्रेटर नोएडा पतंजलि फूड एंड हर्बल पार्क की लागत करबी 1700 करोड़ रुपए है.
ये फूड पार्क 455 एकड़ में बनना था. बाबा रामदेव के मुताबिक इस फूड पार्क से 8000 से ज्यादा लोगों को सीधा रोजगार और 80 हजार लोगों को परोक्ष रोजगार मिलता. अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए इस फूड पार्क की नींव रखी थी.