दिल्ली। रावण दहन देखने आए लोगों की लाशें बिछानेवाली ट्रेन के ड्राइवर ने सफाई दी है. जोड़ा फाटक के पास हुए हादसे में 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. ये सभी लोग रेलवे ट्रैक के पास चल रहे रावण दहन कार्यक्रम को देखने आए थे. जिस वक्त अमृतसर रेल हादसा हुआ उस वक्त कम से कम 300 लोग ट्रैक पर मौजूद थे.
अमृतसर रेल हादसा
रावण के पुतले में पटाखे फुटने के बाद लोगों पीछे हटे और रेलवे ट्रैक पर आते चले गए. इसी बीच जालंधर-अमृतसर लोकल ट्रेन आई और लोगों को रौंदते हुए चली गई. इससे ठीक पहले ट्रैक से अमृतसर-हावड़ा एक्सप्रेस गुजरी थी. अमृतसर रेल हादसा तो हो गया मगर अब रेलवे के अधिकारी सफाइ दे रहे हैं. उनका कहना है कि ‘रावण दहन देखने के लिए लोगों का रेलवे ट्रैक पर जमा होना साफ तौर पर अतिक्रमण का मामला है. इस कार्यक्रम के लिए स्थानीय अधिकारी, रेलवे से परमिशन नहीं लिए थे’. अमृतसर में जिस वक्त हादसा हुआ उस वक्त लोग, रेलवे ट्रैक पर खड़ा हो कर रावण दहन कार्यक्रम देख रहे थे. लोगों का कहना है कि रेलवे ट्रैक से रावण दहन अच्छा दिख रहा था, इसलिए लोग रेलवे ट्रैक पर खड़ा थे. जिस वक्त अमृतसर रेल हादसा हुआ उस वक्त यही से लोग मोबाइल में वीडियो बना रहे थे.
Big question;
How they didn’t realize that the train is coming ? ?#Amritsar #AmritsarTrainAccident pic.twitter.com/fbBCMCUx5W
— Quote and Tag Game + ♂️ (@MentionTheMate) October 19, 2018
ड्राइवर की सफाई
जैसे ही रावण जलना शुरू हुआ आस-पास धुआं छा गया. पटाखों के शोर गूंजने लगे. पटाखों के शोर में ट्रेन के आने का पता लोगों को नहीं चला. और फिर अमृतसर रेल हादसा हो गया. मगर सवाल उठता है कि जब इतने लोग पटरी पर मौजूद थे तो ट्रेन के ड्राइवर ये सब क्यों नहीं दिखा? या फिर जानबूझकर लापरवाही बरती गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रेन ड्राइवर ने कहा कि ‘रावण दहन की वजह से आसपास काफी धुआं था. घटनास्थल पर लाइट की व्यवस्था ठीक तरीके से नहीं की गई थी. इसलिए कुछ दिखाई नहीं दिया’. लोकल रेलवे अफसरों का भी कहना है कि वहां काफी धुआं था. जिसके चलते ड्राइवर कुछ भी देखने में सक्षम नहीं था. इसके अलावा ट्रेन भी घुमावदार मोड़ पर थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रेन ड्राइवर की पहचान को जानबूछकर सार्वजनिक नहीं किया गया, रेलवे अपनी तरफ ड्राइवर से पूछताछ कर रहा है.
More than 60 feared dead as train runs over people watching ‘Ravan Dehan’ in Amritsar. You can actually see people running in this video but they couldn’t go far enough. Sad 🙁#AmritsarTrainAccident pic.twitter.com/jnY3rn5Qpp
— Qazi Faraz Ahmad (@qazifarazahmad) October 19, 2018
स्थानीय प्रशासन जिम्मेदार
अमृतसर रेल हादसा तो हो गया मगर रेलवे का कहना है कि स्थानीय प्रशासन की लापरवाही की वजह से अमृतसर रेल हादसा हुआ है और उनको जिम्मेदारी लेनी चाहिए. स्थानीय अधिकारियों को रावण दहन कार्यक्रम की जानकारी थी और इसमें राज्य सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने भी शिरकत की थी. केंद्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि ‘स्थानीय प्रशासन ने कार्यक्रम की सूचना रेलवे को नहीं दी थी. अगर रेलवे को जानकारी दी जाती तो उनके विभाग की ओर से गाइडलाइंस निशि्चत तौर पर जारी किए जाते’. ट्रेन की स्पीड को लेकर मनोज सिन्हा ने कहा कि स्पीड के बारे में ट्रैक को लेकर फैसला लिया जाता न कि भीड़ को देखकर.
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