पटना। फिलहाल लालू परिवार में तेजप्रताप की सियासी हैसियत इतनी नहीं है कि विभाजन का संकट पैदा हो जाए. रुठते-मानते, संभलते-भड़कते और पार्टी के धर्मसंकट बढ़ाते अभी इसी तरह चलता रहेगा. अगर दिमाग ज्यादा फिर जाए तो बात दूसरी है.
भैया से आशीर्वाद, चाचा पर अटैक
वैसे आरजेडी के लिए फिलहाल टेंशन की कोई बात नहीं है. पार्टी के 22वें स्थापना दिवस पर तेजप्रताप ने कहा कि ”जो जलते हैं उन्हें जलने दें, तेजस्वी को मुकुट पहनाएंगे. तेजस्वी यादव को अभी आगे बढ़ाना है, बढ़ते जाना है. हम आशीर्वाद देंगे तेजस्वी को, मुकुट पहनाएंगे. कुछ लोग दरारे पैदा करते हैं हमारे बीच”.
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Tejashwi ko abhi aur aage badhna hai, badhte jaana hai, jo log jalte hain jalne dijiye. Hum aashirwad denge Tejashwi ko, mukut pehenayenge. Kuch log darare paida karte hain humare beech: Tej Pratap Yadav pic.twitter.com/lmRA6VaIvV
— ANI (@ANI) July 5, 2018
स्थापना दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन तेजप्रताप के छोटे भाई तेजस्वी यादव ने किया. तेजस्वी यादव ने कहा कि ”कुछ लोग कह रहे हैं कि जब तक जेडीयू महागठबंधन में नहीं आएगी तब तक बीजेपी को नहीं हराया जा सकता. बीजेपी-जेडीयू ने हाल ही में कई उपचुनाव हारे हैं, तो क्या हुआ?” तेजस्वी यादव ने कहा कि ”कुछ लोग प्रोपेगैंडा फैला रहे हैं”.
तेजप्रताप यादव के बारे में तेजस्वी यादव ने कहा कि ”बड़े भाई हैं, बार-बार आशीर्वाद देते हैं”. नीतीश कुमार के बारे में तेजस्वी ने कहा कि ”हो सकता है बीजेपी हमारे नीतीश चाचा को लास्ट में आकर डम्प कर दे और लोकसभा चुनाव और बिहार का चुनाव एक समय पर हो जाए तो आप सब तैयार रहें”.
तेजप्रताप का स्वभाव ‘ऊटपटांगा’
लालू परिवार पर तेजप्रताप की वजह से विपक्ष ने कई सियासी हमले किए. मनमौजी फितरत वाले तेजप्रताप से ना तो उनके परिवार वाले और ना ही पार्टी के लोग मुंह लगना चाहते हैं. उनके व्यवहार के बारे में अंदाजा लगाना मुश्किल है. हाल ही में प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे समेत परिवार के दूसरे लोग तेजप्रताप के निशाने पर आ गए थे. उन्होंने कहा था कि पार्टी के कुछ लोग पार्टी और परिवार में फूट डालना चाहते हैं.
खुद तेजप्रताप ने माना था कि उन्हें लोग सनकी या मनमतंग मानते हैं. तेजप्रताप धार्मिक स्वभाव के हैं, ये दिखता है. वो कभी कृष्ण के वेश में मुरली बजाते हैं तो कभी भगवान शिव का रुप धर लेते हैं. सिनेमा में तेजप्रताप हाथ आजमाते रहते हैं. लालू-पुत्र की लोग लीला देखते रहते हैं. किसी समय वो बेहद शालीन लगते हैं तो किसी समय ऊटपटांग बातें करने लगते हैं.
कई बार वो एक बिगड़ैल बेटा नजर आने लगते हैं. इस स्वभाव की वजह से न तो पार्टी और ना ही परिवार गंभीरता से लेता है. मगर मीडिया तेजप्रताप को गंभीरता से लेता है और सुर्खियां बनाता है. विपक्ष भी तेजप्रताप के बयानों को हाथों-हाथ लेता है. इसके बाद बात बढ़ते-बढ़ते बढ़ती चली जाती है. फिर आरजेडी के बड़े नेताओं को सफाई देनी पड़ती है.
‘भड़कना’ स्थाई नहीं बन पाया
हालांकि तेजप्रताप का भड़कना कभी स्थाई नहीं बन पाया है. समझाने-बुझाने से मान भी जाते हैं. तभी वो स्थापना दिवस में तेजस्वी मुकुट पहनाने की बात करते हैं. तेजस्वी भी उनका आशीर्वाद स्वीकार करते हैं. ये बात आरजेडी को अब तक राहत देती रही है. लालू परिवार में फूट का मौका देख रहे विपक्ष को निराशा होती है. लालू बगैर स्थापना दिवस मना रही पार्टी के समारोह में तेजप्रताप को खुश रखने की कोशिश जारी रही. कार्यक्रम के पोस्टर-बैनर में तेजप्रताप की पत्नी ऐश्वर्या राय की तस्वीर काफी प्रमुखता से छापी गई. मगर तेजप्रताप कब तक खुश रहेंगे ये कहना फिलहाल मुश्किल है.
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