/ब्रजेश ठाकुर की ‘वुमेन मिस्ट्री’, सेक्स वर्कर से ‘मधु मैडम’ बनने की कहानी
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ब्रजेश ठाकुर की ‘वुमेन मिस्ट्री’, सेक्स वर्कर से ‘मधु मैडम’ बनने की कहानी

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पटना। आज से 17 साल पहले 2001 में तत्कालीन ट्रेनी आईपीएस दीपिता सूरी ने मुजफ्फरपुर रेडलाइट एरिया में ‘ऑपरेशन उजाला’ चलाया था. इसका मकसद ह्यूमन ट्रैफिकिंग के धंधे को खत्म करना था. उस समय अनवर मियां को सरगना के तौर पर चिन्हित किया गया था. उसके घर के तहखाने से काफी लड़कियों को बरामद किया गया था.

‘ऑपरेशन उजाला’ के तहत बाद में मोहल्ला सुधार समिति का गठन हुआ. इसी दौरान मधु का संपर्क ब्रजेश ठाकुर से हुआ. यहीं से मधु की किस्मत जाग उठी और आगे चल कर वो ब्रजेश ठाकुर के सरपरस्ती में ‘मधु मैडम’ बन गई.

‘ब्रजेश सर’ और ‘मधु मैडम’ केमिस्ट्री

मुजफ्फुरपुर पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक मधु, ब्रजेश ठाकुर की मुख्य सेक्स वर्कर थी. इससे पहले वो देह व्यापार में शामिल थी. ब्रजेश ठाकुर ने मधु के जरिए मुजफ्फरपुर के चतुर्भुज स्थान के रेड लाइट इलाके में अपनी पहुंच बनाई. उसे अपने अपनी संस्था वामा शक्ति वाहिनी में अहम स्थान दिया. आज भी मधु की मां चतुर्भुज स्थान के सिद्दीकी लेन में रहती है. मधु का दिल्ली, कोलकाता, मुंबई जैसे रेडलाइट एरिया में अच्छी पैठ है. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक मुजफ्फरपुर कांड का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर संस्था और लड़कियों का इस्तेमाल सरकारी फंड और ऑर्डर पाने के लिए करता था. उसके खजाने का पूरा लेन-देन और कमान उसकी मिस्ट्री वुमेन मधु के हाथ में था.

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अफसरों को लड़कियों की सप्लाई!

मुजफ्फरपुर पुलिस ने पिछले हफ्ते मामले की रिपोर्ट सीबीआई को सौंपे जाने से पहले तैयार की थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रजेश ठाकुर ने सरकारी अधिकारियों और बैंकरों के साथ मिलकर अवैध तरीके से काफी दौलत इकट्ठा की है. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बिहार स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी ने भी ब्रजेश के एक एनजीओ को बिना प्रक्रिया का पालन किए बड़ी राशि उपलब्ध करा दी. इनमें विज्ञापन भी शामिल है. पुलिस को शक है कि ब्रजेश ठाकुर वे इन योजनाओं को पाने के लिए बिहार स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी के भ्रष्ट अधिकारियों को लड़कियों की सप्लाई करता था.

नजराना भी पहुंचाती थीं ‘मधु मैडम’

इसी रिपोर्ट में मधु कुमारी को लेकर भी सवाल खड़े किए गए हैं जो फरार चल रही है. रिपोर्ट के मुताबिक संस्था से जुड़े लोगों का तय मासिक नजराना या प्रोजेक्ट पर निगरानी रखनेवाले साहेब के पास राशि पहुंचाने की जवाबदेही, सब मधु की थी. वो हमेशा अपने पास अच्छा-खासा कैश रखती थी. रेडलाइट एरिया में रहने का उसे लाभ मिलता था. माना जा रहा है कि अगर मधु पुलिस के हत्थे चढ़ी तो एक बड़ा राज़ सामने आ सकता है.