दिल्ली। क्या लखटकिया कार नैनो के दिन अब लद गए? मिडिल क्लास का कार का मालिक बनने का सपटना टूट जाएगा? रतन टाटा के ड्रीम प्रोजेक्ट का प्रोडक्शन अब खत्म होता दिख रहा है. जून 2018 में सिर्फ एक कार का प्रोडक्शन हुआ है और सिर्फ तीन कारें बिकी है.
डगमगा रही रतन टाटा की ‘ब्रेन चाइल्ड’
सवाल उठ रहा है कि एक समय आम आदमी कार कहे जानेवाली नैनो, क्या अब इतिहास बन जाएगी. क्योंकि जून में टाटा ने केवल एक नैनो कार बनाई. जबकि सिर्फ तीन कारों की बिक्री हुई. कंपनी के मुताबिक नैनो का प्रोडक्शन बंद करने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है.
टाटा मोटर्स की ओर से फाइल की गई रिपोर्ट के मुताबिक इस साल जून में एक भी नैनो की एक्सपोर्ट नहीं हुआ. पिछले साल जून में 25 नैनो देश बाहर भेजी गई थी. वहीं प्रोडक्शन की बात करें तो जहां इस साल जून में सिर्फ एक नैनो बनी वहीं पिछले साल इसी महीने में 275 नैनो बनाई गई थी. घरेलू बाजार में पिछले साल जून में 167 नैनो की बिक्री भी हुई थी. इस साल से आंकड़ा महज तीन रहा.
प्रोडक्शन जारी रखने के सवाल पर टाटा मोटर्स के प्रवक्ता ने कहा कि हम जानते हैं कि मौजूदा प्रारूप में नैनो को 2019 के बाद जारी रखना मुश्किल है. हमें नए निवेश की जरुरत हो सकती है. इस संबंध में अभी कोई फैसला नहीं किया गया है. फिलहाल प्रोडक्शन जारी है.
2019 के बाद नैनो की राह मुश्किल
मौजूदा हालत में रतन टाटा की ब्रेन चाइल्ड नैनो आज डगमगा रही है. इसकी लॉन्चिंग के वक्त रतन टाटा ने कहा था कि वह दोपहिया पर चलनेवाले परिवारों को ज्यादा सुरक्षित और सस्ती कार दे रहे हैं. नैनो को सबसे पहले 2008 के दिल्ली ऑटो एक्सपो में लॉन्च किया गया था. तब नैनो ने काफी सुर्खिया बटोरी थी.
मार्च 2009 में बेसिक मॉडल की करीब एक लाख रुपए कीमत के साथ नैनो को बाजार में उतारा गया. ज्यादा कीमत होने के बावजूद कॉस्ट को लेकर किए इस फैसले पर रतन टाटा ने तब कहा था ”वर्ड इज वर्ड यानि वादा, वादा होता है”.
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