दिल्ली। 93 साल की उम्र पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी इलाज के लिए दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं। दलगत की राजनीति की सीमाओं को तोड़ सभी दल के नेता उनका हाल जानने के लिए एम्स में पहुंच रहे हैं। अटल बिहारी भारतीय राजनीति के एक ऐसे नेता हैं, जिनकी स्वीकार्यता हर दल में है। आइए आपको बताते है उनके उस भाषण के बारे में जिसने उन्हें दुनिया का नेता बना दिया।
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जब वाजपेयी ने दिया था इस्तीफा
दरअसल, अटल बिहारी वाजपेयी जिस वक्त देश के प्रधानमंत्री थे, उस समय संसद में विश्वास मत के दौरान उन्होंने बहुत प्रभावी भाषण दिया था। उन्होंने सदन में भारतीय जनता पार्टी को व्यापक समर्थन हासिल नहीं होने के आरोपों को लेकर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि ये कोई आकस्मिक चमत्कार नहीं है कि हमें इतने वोट मिल गए हैं। ये हमारी 40 साल की मेहनत का नतीजा है।
https://www.youtube.com/watch?v=wL-K65CEGrs
https://www.youtube.com/watch?v=hpBi8H3uyTs
थोड़ी ज्यादा सीटें नहीं लाने की कसक
अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि हम लोगों के बीच गए हैं और हमने मेहनत की है। हमारी 365 दिन चलने वाली पार्टी है, ये चुनाव में कोई कुकुरमुत्ते की तरह पैदा होने वाली पार्टी नहीं है। उन्होंने कहा था कि आज हमें सिर्फ इसलिए कटघरे में खड़ा कर दिया गया क्योंकि हम थोड़ी ज्यादा सीटें नहीं ला पाए। राष्ट्रपति ने हमें सरकार बनाने का मौका दिया और हमने इसका फायदा उठाने की कोशिश की, लेकिन हमें सफलता नहीं मिली, ये अलग बात है। पर हम अब भी सदन में सबसे बड़े विपक्ष के तौर पर बैठेंगे।
https://www.youtube.com/watch?v=qsCYBvPxubM
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3 बार प्रधानमंत्री रहे वाजयेपी
गौरतलब है कि अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे हैं, लोकसभा के अंदर उनका ये भाषण लोगों के दिल में अलग जगह बनाई। सबसे पहले वे 1996 में 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने। लेकिन बहुमत साबित कर पाने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। दूसरी बार वे 1998 में प्रधानमंत्री बने। सहयोगी पार्टियों के समर्थन वापस लेने की वजह से 13 महीने बाद 1999 में फिर आम चुनाव हुए। 13 अक्टूबर को वे तीसरी बार प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 2004 तक अपना कार्यकाल पूरा किया।
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