दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद की कुर्सी संभालने के बाद राहुल गांधी में काफी बदलाव हुए हैं। राहुल की शैली अब पहले की तुलना में काफी आक्रमक हो गई है। राहुल के अंदर आए ये बदलाव के बाद आपके मन में ये ख्याल जरूर आता होगा कि ये सब कैसे हुआ। विभिन्न प्रदेशों में जाकर राहुल गांधी कैसे वहां के तथ्यों के साथ बात करते हैं।
मिल गया राहुल का ‘डेयरिंग स्पीच’ का राज़
क्या कोई राहुल गांधी के स्पीच को तैयार करता है। क्या राहुल गांधी को लिखी हुई स्पीच मिलती है। ऐसे कई सवाल आपके में मन में होगा। आइए विभिन्न आंकड़ों और रिपोर्ट्स के आधार पर हम आपको बताएंगे कि राहुल गांधी का भाषण कैसे तैयार होता है। कहा जाता है कि राहुल गांधी अक्सर अपनी जेब में एक डायरी रखना नहीं भूलते।
अगर डायरी नहीं होती है तो उनके जेब में कागज जरूर होती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राहुल गांधी किसी खास मौके पर बोलने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विवेदी, जयराम रमेश और मृणाल पांडे से बात कर लेते हैं। इसके साथ ही अगर वह किसी प्रदेश में राजनीतिक रैली को संबोधित करने जाते हैं तो वहां के प्रदेश स्तर के नेताओं से जरूर बात कर लेते हैं, ताकि उनके भाषण में लोकल टच रहे।
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मां सोनिया अलग राहुल का स्टाइल
बताया जाता है कि राहुल गांधी अब अपना भाषण पहले तैयार करवाकर या किसी से लिखवाकर नहीं बोलते हैं। गुजरात चुनाव के दौरान ही राहुल का यह नया अवतार लोगों को देखने को मिला था, जिसमें राहुल नए रूप में नजर आ रहे थे। लेकिन राहुल गांधी 2013 में जब कांग्रेस के उपाध्यक्ष बने थे, तब वह किसी का लिखा हुआ भाषण पढ़े थे।
इस दौरान उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत अंग्रेजी से कर हिंदी में शिफ्ट हो गए थे। लेकिन अब जब आप राहुल गांधी के भाषण को सुनेंगे तो वो शुरुआत हिंदी से करते हैं। अब पहले जैसी बात भी नहीं है, राहुल गांधी अब भाषण धाराप्रवाह देते हैं। अपनी हर रैली में वह पीएम मोदी पर वार करना नहीं भूलते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कांग्रेस को करीब से जानने वाले लेखक रशीद किदवई ने कहा था कि सोनिया और राहुल के भाषणों में एक बड़ा फर्क मिलता है।
उन्होंने कहा कि सोनिया आडवाणी और अटल पर हमले करने से बचती थी लेकिन राहुल गांधी नरेंद्र मोदी पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ते हैं। इस लिहाज से वह अपनी मां की तुलना में दादी इंदिरा के करीब हैं। क्योंकि इंदिरा अपने भाषणों में विरोधियों पर खूब वार करती थीं।
30 मिनट में 17 बार मोदी पर हमला
हाल ही में 23 अप्रैल को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मोदी पर हमला शुरू कर दिया था। 30 मिनट के भाषण में उन्होंने 17 बार मोदी सरकार पर हमला बोला था। ऐसे में बताया जाता है कि राहुल गांधी भाषण देने से पहले न सिर्फ इनपुट रखते हैं बल्कि कई वाक्य लिख कर भी जाते हैं।
इसके लिए वह अपनी कोर टीम पर ही ज्यादा निर्भर रहते हैं। शुरू में चर्चा रहती थी कि उनके भाषण को कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश तैयार करते हैं, लेकिन 2014 के बाद जबसे राहुल ने अपनी शैली बदली, तबसे इसकी चर्चा काफी हुई कि इसके पीछे कौन है? चर्चा के अनुसार एक सीनियर नेता ने राहुल से कहा कि वह कम से कम 30 मिनट का भाषण जरूर दें।
पहले वह 10-15 में अपनी स्पीच खत्म कर देते थे। इसके बाद गुजरात चुनाव से उनकी स्पीच की खासियत वन-लाइनर बनी, चाहे गब्बर सिंह टैक्स का मामला है। माना जाता है कि वन-लाइनर हो या फिर ह्यूमर वाला ट्वीट, इसके लिए रिसर्च टीम राहुल के ऑफिस में ही बनी हुई है।