/दिउड़ी मंदिर से जुड़ा है धोनी के भाग्योदय का राज़!, 20 साल में सबकुछ बदल गया
दिउड़ी मंदिर से जुड़ा है धोनी के भाग्योदय का राज़!, 20 साल में सबकुछ बदल गया

दिउड़ी मंदिर से जुड़ा है धोनी के भाग्योदय का राज़!, 20 साल में सबकुछ बदल गया

दिउड़ी मंदिर से जुड़ा है धोनी के भाग्योदय का राज़!, 20 साल में सबकुछ बदल गया

रांची। दिउड़ी मंदिर का राष्ट्रीय मानचित्र पर आना और महेंद्र सिंह धोनी का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में चमकना, दोनों ही लगभग एक साथ हुआ. आज से 20 साल पहले 1998 में जब धोनी रणजी खेलते थे तब से वे दिउड़ी मंदिर में मां का दर्शन करने के लिए आते हैं.

दिउड़ी मंदिर से धोनी का 20 साल पुराना रिश्ता

हर क्रिकेट सीरीज से पहले वे काली मां का आशीर्वाद पाने यहां पहुंचते हैं. धोनी के भाग्योदय के साथ दिउड़ी मंदिर के लोकप्रिय होने की दास्तान भी जुड़ी है. जब से महेंद्र सिंह धोनी इस मंदिर में मां काली के दर्शन करने शुरू किए तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा.

आईपीएल की ट्रॉफी तीसरी बार जीतने के बाद महेंद्र सिंह धोनी ने रांची के दिउड़ी मंदिर में पूजा-अर्चना की. जून के आखिर में होने वाले आयरलैंड और इंग्लैंड दौरे पर महेंद्र सिंह धोनी को जाना है. ट्रॉफी जीतने और किसी दौरे से पहले अक्सर धोनी दिउड़ी मंदिर में मां काली की दर्शन करते हैं.

इस बार वो दिउड़ी मंदिर गए अपने चाहनेवालों के साथ फोटो खिंचवाए और सेल्फी भी दिए. मंदिर के पुजाई मनोज पंडा के मुताबिक धोनी हर सीरीज से पहले मंदिर जरूर आते हैं और मां का आशीर्वाद लेते हैं.

16 भुजाओं वाली मां काली की मंदिर का इतिहास

रांची-जमशेदपुर नेशनल हाईवे-33 पर करीब साढ़े तीन फुट ऊंची देवी 16 भुजाओं वाली हैं. देवी की प्रतिमा काले पत्थर से बनी हुई है. ओडिशा के मूर्ति शैली की प्रतिमा है. पूर्व मध्यकाल में तकरीबन 1300 ई. में सिंहभूम के मुंडा राजा केरा ने युद्ध में परास्त होकर लौटते समय इसकी स्थापना की थी.

देवी ने उन्हें सपने में दर्शन देकर मंदिर स्थापना करने का आदेश दिया था और उनके आशीर्वाद से उन्होंने अपना राज्य दोबारा हासिल कर लिया. इतिहास में इस बात की चर्चा है कि 1831 में सिंहभूम में हुए कोल विद्रोह के दौरान मंदिर का इलाका विद्रोहियों का एक बड़ा ठिकाना हुआ करता था.

मंदिर की आड़ में छुपे विद्रोहियों पर ब्रिटिश सेना ने गोलियां भी बरसाई थी. उन गोलियों के निशान मंदिर की दीवार पर आज भी मौजूद है. इस मंदिर को आदिवासी संस्कृति और हिन्दू धर्म का अद्भुत संगम माना जाता है.

इस मंदिर के पुजारी मुंडा पाहन होते हैं. जो हफ्ते के 6 दिन पूजा करते हैं. वहीं ब्राह्मण पंडित सिर्फ मंगलवार को पूजा करते हैं. नरसिंह पंडा का परिवार सात पुश्तों से मंदिर में पुजारी का काम कर रहा है.

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आयरलैंड और इंग्लैंड टूर का शेड्यूल

आयरलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ होनेवाले T-20 और वनडे टीम में महेंद्र सिंह धोनी शामिल हैं. आयरलैंड में भारत को 2 T-20 मैच खेलने हैं. दोनों देशों के बीच पहला T-20 मैच 27 जून और दूसरा T-20 29 जून को डब्लिन में खेला जाएगा. आयरलैंड से इंडियन टीम इंग्लैंड रवाना हो जाएगी.

इंग्लैंड में पहले 2 मैचों की T-20 सीरीज खेली जाएगी. पहला T-20 3 जुलाई को ओल्ड ट्रैफर्ड, दूसरा T-20 6 जुलाई को कार्डिफ और तीसरा T-20 8 जुलाई को ब्रिस्टल में खेला जाएगा.

T-20 सीरीज के बाद दोनों देशों के बीच 3 मैचों की वनडे सीरीज भी होगी. सीरीज का पहला मैच 12 को ट्रेंट ब्रिज, दूसरा मैच 14 जुलाई को लॉर्ड्स और तीसरा मैच 17 जुलाई के हेडिंग्ले में खेला जाएगा.