दिल्ली। 2014 से पहले नरेंद्र मोदी ने गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान एक मुस्लिम धर्म गुरु के हाथों टोपी पहनने से इनकार कर दिया था। लेकिन पीएम बनने के बाद वह छह बार मस्जिद में गए हैं।
विदेश यात्रा में चौथी बार गए मस्जिद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले चार साल में विदेश यात्रा के दौरान चौथी बार मस्जिद में गए। साथ ही चार दिनों में दूसरी बार मस्जिद पहुंचे।
सबसे हाल में वे सिंगापुर दौरे पर चिलुया मस्जिद में गए जहां उनके साथ सिंगापुर की संस्कृति मंत्री ग्रेस यीन भी मौजूद थी।
इस मस्जिद को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा हासिल है। यह सिंगापुर की सबसे पुरानी मस्जिद भी है। सिंगापुर से पहले पीएम इंडोनेशिया के इस्तककलाल मस्जिद गए थे।
इस्तकलाल दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद है। इस दौरान उनके साथ इंडोनिशिया के राष्ट्रपति विडोडो जकार्ता भी मौजूद थे।
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इसके साथ ही फरवरी 2018 में मोदी ओमान के मस्कट में सुल्तान कबूज ग्रांड मस्जिद में गए थे। इससे पहले अगस्त 2015 में मोदी यूएई के मंत्री शेख हमदान बिन मुबारक अल नहयन के साथ अबू धाबी के शेख जैयद ग्रांड मस्जिद में गए थे।
सितंबर 2017 में मोदी जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ अहमदाबाद में 16वीं सदी में बने सिदी सैयद की जाली मस्जिद में गए थे।
इसके साथ ही मोदी प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के दरगाह में चादर भेजते रहे हैं। पिछले साल प्रधानमंत्री की ओर से केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने चिश्ती के 805वें उर्स के अवसर पर दरगाह में चादर चढ़ाई थी।
वहीं, पीएम मोदी ने सितंबर 2017 में म्यांमार यात्रा के दौरान बादशाह बहादुर शाह जफर की मजार पर गए थे। पीएम ने मजार पर फूल भी चढ़ाए और इत्र भी छिड़का था।
लेकिन, सितंबर 2011 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए मोदी ने मुस्लिम टोपी पहनने से इनकार कर दिया था। यह घटना काफी चर्चा में रही थी।