दिल्ली। अपनी जिंदगी में इंसान कई मुरादें मांगता है. कई चाहत रखता है. कोई अच्छी गर्लफ्रेंड की ख्वाहिश रखता है तो कोई अच्छी बीवी की. कोई अच्छा करियर के लिए ख्वाहिशमंद रहता है तो कोई अच्छी कंपनी में नौकरी की मुरादें मांगता है. कोई सरकारी नौकरी की चाहत रखता है तो कोई अच्छी कमाई की इच्छा रखता है. मगर सोनिया गांधी बेटे और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मुरादें कुछ और है.
आ गया ’15 मिनट वाला’ चुनौती
पिछले दिनों अपने चुनाव क्षेत्र अमेठी में राहुल गांधी ने कहा था कि ”अगर मैं 15 मिनट संसद में भाषण दूं, तो प्रधानमंत्री मेरे सामने खड़े नहीं हो पाएंगे”. राहुल गांधी ने इस बात को कई बार कई जगहों पर अपने भाषणों में दोहराया. तब राहुल का बयान मीडिया में सुर्खियां बनने लगी थी. कांग्रेस अध्यक्ष की मुराद उस समय तो पूरी नहीं हो सकी मगर आज पूरी होने जा रही है.
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कांग्रेस को मिला 38 मिनट का वक्त
दरअसल मोदी सरकार आज अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रही है. सरकार को कोई खतरा नहीं है इसमें न तो कांग्रेस को शक है और ना ही बीजेपी को. मगर अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होगी. आज संसद में ट्वेंटी-ट्वेंटी जैसा माहौल रहेगा. कांग्रेस को अविश्वास प्रस्ताव पर अपने विचार रखने के लिए 38 मिनट दिया गया है. कांग्रेस चीफ राहुल गांधी और सदन में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी इस प्रस्ताव पर बोल सकते हैं. सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी को चर्चा में अपने विचार रखने के लिए 3 घंटे 33 मिनट का समय दिया गया है.
तब राहुल को मोदी ने दी थी चुनौती
तब कर्नाटक चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ”कांग्रेस अध्यक्ष ने मुझे चुनौती दी है कि अगर वो 15 मिनट संसद में बोलेंगे तो मैं वहां बैठ नहीं पाऊंगा, लेकिन वह अगर 15 मिनट बोलेंगे, यह भी बड़ी बात है और मैं बैठ नहीं पाऊंगा, तो मुझे याद आता है कि क्या सीन है”.
उस वक्त प्रधानमंत्री ने तंज कसते हुए कहा था कि ”हम कांग्रेस अध्यक्ष के सामने नहीं बैठ सकते हैं, आप नामदार हैं हम कामदार हैं. हम तो अच्छे कपड़े भी नहीं पहन सकते हैं. आपके सामने कैसे बैठेंगे. आप (राहुल) जिस भाषा में भी बात कर सकें, हाथ में कागज लिए बगैर कर्नाटक सरकार की उपलब्धियां ही जनता के सामने बोल दीजिए”.
पीएम यहीं नहीं रुके थे उन्होंने कहा था कि ”राहुल बिना कागज के 15 मिनट केवल बोलकर दिखाएं. राहुल गांधी 15 मिनट में केवल 5 बार विश्वेश्वरैया का नाम लेकर दिखाएं”.
तेलुगु देशम पार्टी करेगी शुरुआत
अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) लोकसभा में इस पर चर्चा की शुरुआत करेगी. इसके लिए 13 मिनट का समय एलॉट किया गया है. जबकि दूसरे विपक्षी दल अन्नाद्रमुक को 29, तृणमूल कांग्रेस को 27, बीजू जनता दल को 15, तेलंगाना राष्ट्र समिति को 9 मिनट का समय दिया गया है. तेलुगु देशम पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव का वाईएसआर कांग्रेस, कांग्रेस, एआईएडीएमके, एआईएमआईएम, राष्ट्रीय जनता दल और आम आदमी पार्टी समर्थन कर रही है. मोदी सरकार के खिलाफ ये पहला अविश्वास प्रस्ताव है.