दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव में अभी आठ महीने बचे हैं। ऐसे में सभी सियासी दल अभी से चुनावी तैयारी में जुट गए हैं। मगर कांग्रेस की चुनावी तैयारी क्या है? इसका जवाब है कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अब चुनावी मोड में आ गए हैं। इसके लिए वह नई टीम तैयार कर रहे हैं। पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष ने सीडब्ल्यूसी का गठन किया था और अब उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए कोर ग्रुप कमेटी का ऐलान कर दिया है।
कांग्रेस की चुनावी तैयारी क्या है?
वहीं, सीडब्ल्यूसी और कोर ग्रुप कमेटी की तुलना की जाए तो साफ होता है कि 48 वर्षीय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ओर सीडब्ल्यूसी में युवा जोश के साथ अनुभव को भरपूर जगह दी थी, लेकिन अगले आम चुनाव के लिए गठित की कई कोर ग्रुप कमेटी में युवा जोश की तुलना में अनुभव को खास तरजीह दी है।
लोकसभा चुनाव के लिए गठित कोर ग्रुप कमेटी में 9 दिग्गज नेताओं को रखा गया है। इन 9 लोगों में से 6 वो लोग हैं जो 23 सदस्यीय सीडब्ल्यूसी में भी शामिल हैं। सीडब्ल्यूसी से इतर इस ग्रुप में 3 अलग लोगों को शामिल किया गया है। ये 3 नए लोग हैं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला। मगर भी सवाल बना हुआ है कि कांग्रेस की चुनावी तैयारी क्या है? ये सभी पीटे-पीटाए नुस्खे हैं.
कोर ग्रुप कमेटी और सीडब्ल्यूसी दोनों में शामिल शेष 6 दिग्गज नेता हैं एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, मल्लिकार्जुन खडगे, अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल। जिस तरह से सीडब्ल्यूसी में सिर्फ 2 मुस्लिम नेताओं को जगह दी गई थी उसी तर्ज पर सीजीसी में भी उन्हीं 2 मुस्लिम नेताओं पर भरोसा जताया गया है।
कोर ग्रुप कमेटी का ऐलान
पिछले महीने जुलाई में गठित की गई 23 सदस्यीय सीडब्ल्यूसी में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के अलावा पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी के पूर्व कोषाध्यक्ष मोती लाल वोरा, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खडगे, एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी और ओमन चंडी शामिल हैं।
इनके अलावा असम के पूर्व सीएम तरुण गोगोई, कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धरमैया, उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत, वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, कुमारी शैलजा, मुकुल वासनिक, अविनाश पांडे, केसी वेणुगोपाल, दीपक बाबरिया, ताम्रध्वज साहू, रघुवीर मीणा और गैखनम के नाम भी कांग्रेस कार्य समिति में हैं।
चुनाव में अभी आठ महीने
वहीं, अगर कोर ग्रुप कमेटी पर नजर डालें तो राहुल गांधी ने युवा की बजाए अनुभव पर ज्यादा भरोसा जताया है। रणदीप सुरजेवाला और केसी वेणुगोपाल को छोड़ दिया जाए तो कमेटी में शामिल अन्य नेता की उम्र या तो 70 के करीब है या फिर उसके पार है। कमेटी में शामिल पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी सबसे बुजुर्ग नेता हैं जिनकी उम्र 77 साल है। इसके अलावे मल्लिकार्जुन खडगे 76 के और पी चिदंबरम 72 और दो अन्य नेता 70 के पार के हैं। जबकि गुलाम नबी आजाद 69, अहमद पटेल 69 और अशोक गहलोत 67 के करीब हैं। वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश कमेटी में शामिल सबसे कम उम्र के तीसरे नेता हैं।
चुनाव के लिए गठित की गई कोर ग्रुप कमेटी में बुजुर्ग नेताओं की भरमार है, तो ऐसे में जब कांग्रेस अगले साल चुनाव में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी का सामना किस तरह करेगी और पार्टी अंतत: कहां पर जाकर टिकती है?
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