राहुल गांधी की कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर कौन सच बोल रहा और कौन झूठ ये वक्त बता देगा। वैसे कांग्रेस ने शुरू में राहुल की यात्रा पर हामी भरी थी लेकिन अब विदेश मंत्रालय के अर्जी न मिलने की बात पर प्रवक्ता या तो घुमा-फिरा कर जवाब दे रहे हैं या फिर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।
घुमा-फिरा कर जवाब
राहुल गांधी की कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर विदेश मंत्रालय का बयान आया है जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अभी तक कोई आवेदन नहीं किया है। जिसके जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी पार्टी का बचाव करते हुए कहती हैं कि विदेशी मंत्रालय ने क्या कहा है पता नही। लेकिन विपक्ष भगवान का नाम लेता है तो सरकार में खलबली मच जाती है। इससे साफ है कि सरकार यात्रा में कोई न कोई अडंगा जरूर डालेगी।
चुनाव के वक्त याद आते हैं भगवान
विदेश मंत्रालय के बयान के बाद बीजेपी ने राहुल गांधी पर जमकर चुटकी ली है। पार्टी ने एक बार फिर से उनकी आस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि क्या राहुल गांधी को मंदिर और भगवान सिर्फ चुनाव के वक्त याद आते हैं…? बीजेपी ने राहुल पर ये भी कटाक्ष किया कि उन्हें ये समझना चाहिए कि मंदिरों में दर्शन करने जाना आस्था से जुड़ा है, ये कोई पॉलिटिकल स्टंट नहीं।
राहुल गांधी की मन्नत
राहुल गांधी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा की बात पहली बार कर्नाटक चुनाव के दौरान कही थी। तब चुनाव प्रचार के दौरान हुबली जाते वक्त उनका हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बचा था। हालांकि तब हेलीकॉप्टर को सुरक्षित लैंड करा लिया गया था लेकिन तब उन्होंने ऐलान किया था कि वो मानसरोवर यात्रा पर जाएंगे। 29 अप्रैल को भी दिल्ली के रामलीला मैदान में उन्होंने ये कहते हुए मानसरोवर यात्रा पर जाने की इच्छा जताई थी कि जब उनके हेलीकॉप्टर में खराबी आई तो उनके मन में कैलाश मानसरोवर यात्रा का ख्याल आया था।
मानसरोवर यात्रा पर जाने का तरीका
विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि मानसरोवर यात्रा दो तरीके से हो सकती है। पहले तरीके में इसे विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जाता है जिसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके तहत लॉटरी निकालकर पारदर्शी तरीके से नाम चुना जाता है। लेकिन राहुल गांधी की तरफ से कोई रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दूसरा तरीका निजी ऑपरेटर के माध्यम से यात्रा पर जाने का है। ये नेपाल के रास्ते होता है और इसके लिये चीन से वीजा की जरूरत होती है।
कब होता है आवेदन?
ये भी पढ़ें: क्या दलित बच्चों की पिटाई का वीडियो शेयर करने को लेकर फंस सकते हैं राहुल गांधी?
अगर आप कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाना चाहते हैं तो इसके लिए मार्च-अप्रैल के बीच में आवेदन देना होता है…जिसका लकी ड्रॉ मई में निकाला जाता है। लॉटरी के जरिए ही नामों का चयन होता है। इस बार मानसरोवर यात्रा धारचूला से 12 जून से शुरू हुई है और हर चार दिन पर एक जत्था यात्रा के लिए रवाना होता है। इस बार मानसरोवर यात्रा पर कुल 18 जत्थे गए हैं और 19 अगस्त को मानसरोवर यात्रा खत्म हो रही है।