दिल्ली। केरल में बाढ़ की वजह क्या है? आखिर क्यों 100 साल में आई सबसे बड़ी बाढ़ से केरल जूझ रहा है? ऐसा क्यों लग रहा है कि पूरे देश की बरसात केरल में ही हो रही है? सोशल मीडिया ने इसका खोज किया है. ट्वीटर पर इस बारिश को कुछ लोग सबरीमाला मंदिर के भगवान अयप्पन की नाराजगी बता रहे हैं.
इन्ही में से एक हैं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) में अंशकालिक निदेशक बने एस गरुमूर्ति. गरुमूर्ति ने अपने ट्वीट में इशारा किया है कि अगर ये बाढ़ सबरीमाला के भगवान अयप्पन की नाराजगी की वजह से है तो सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर सोचना चाहिए.
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केरल में बाढ़ की वजह क्या है?
केरल में बाढ़ की वजह क्या है? इसे ढूंढने की बजाए लोग एक-दूसरे की मदद करने में जुटे हैं मगर एस गुरुमूर्ति ने एक ट्विटर यूजर के ट्वीट पर लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों को देखना चाहिए कि केस और जो सबरीमाला में हुआ, उसके बीच कोई संबंध है या नहीं. अगर कोई संबंध का लाखों में एक चांस भी है तो लोगों को अयप्पन के खिलाफ फैसला पसंद नहीं आएगा.
Supreme court judges may like to see if there is any connection
between the case and what is happening in Sabarimala. Even
if there is one in a million chance of a link people would not
like the case decided against Ayyappan. https://t.co/0k1818QZGU
— S Gurumurthy (@sgurumurthy) August 17, 2018
आलोचना होने पर गुरुमूर्ति ने एक और ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि मैंने यह कहा- अगर इस मामले और बारिश में हल्का सा भी कनेक्शन हो सकता तो लोग- फिर से कहता हूं लोग- नहीं चाहेंगे कि फैसला अयप्पन के खिलाफ जाए. यदि लोगों की मान्यता के बारे में है. आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि मैं अयप्पा का भक्त नहीं हूं और सबरीमाला भी नहीं जाता.
What I said is this: If there is even one in a million
chance of a link between the case and the rains, people —
repeat people — would not like the case decided against Ayappan.
It is about people’s belief. For the info of all I am not an Ayyappa
devotee, going to Sabarimala. https://t.co/AUmeyVD3bb
— S Gurumurthy (@sgurumurthy) August 18, 2018
उन्होंने आगे लिखा, भारतीय बुद्धिजीवियों के पाखंड को देखकर हैरान हूं जो लोगों की आस्था को खारिज कर देते हैं. 99 फीसदी भारतीय भगवान में विश्वास करते हैं. उदारवादी, धर्मनिरपेक्ष, बुद्धुजीवी को मिलाकर 100 फीसदी लोग ज्योतिष को मानते हैं. नास्तिक करुणानिधि के समर्थकों ने भी उनके लिए प्रार्थना की थी. मैं उन लोगों में से हूं जो ज्योतिष की बजाय भगवान को मानते हैं.
Amazed at the hypocrisy of Indian intellectuals who trash
people’s faith. 99% Indians believe in God. 100%, including
liberals, seculars, intellectuals, believe in astrology. Atheist
Karunanidhi’s followers prayed for him. I am among those
who look to God but not astrology!! https://t.co/UJsr9Ip0eP
— S Gurumurthy (@sgurumurthy) August 18, 2018
इस ट्वीट पर गुरुमूर्ति का था ट्वीट
दरअसल हरि प्रभाकरण नाम के ट्विटर यूजर ने सबरीमाला की फोटो के साथ एक ट्वीट किया. फोटो में दिख रहा है कि सबरीमाला मंदिर के चारो तरफ पानी ही पानी है. प्रभाकरण ने लिखा कि कोई कानून भगवान से बड़ा नहीं है. अगर आप सभी को घुसने दोगे तो वो भी सबको आने से मना कर देगा. इस ट्वीट को काफी लोगों ने लाइक और रीट्वीट किया. मगर केरल में बाढ़ की वजह क्या है? इसकी तलाश जारी रही.
Sabarimala Ayyappan Temple..
No law is above God… If u permit everyone,
he denies everyone. #KeralaFloods pic.twitter.com/phk8HyvMg4
— Hari Prabhakaran (@HariIndic) August 17, 2018
इसके अलावा उन्होंने ये भी लिखा कि अगर आप अपना जन्म या मरना नहीं बदल सकते तो मंदिर में सदियों से चली आ रही प्रथा क्यों बदल रहे हो. सबरीमाला हमारा विश्वास है. इसी ट्वीट पर एस गुरुमूर्ति ने अपनी राय जाहिर की थी.
Sabarimala Ayyappan Temple..
No law is above God… If u permit everyone, he denies everyone. #KeralaFloods pic.twitter.com/phk8HyvMg4
— Hari Prabhakaran (@HariIndic) August 17, 2018
इसके अलावा भी सबरीमाला की पुरानी परम्परा के समर्थन में कई लोगों ने ट्वीट किया. जबकि कई लोगों ने इसका खंडन भी किया. केरल में बाढ़ की वजह क्या है? पर कुछ लोगों का कहना था कि इस विपदा को धर्म से लिंक न करें. जबकि कई लोगों का ट्वीट परम्परा का समर्थन कर रहा.
क्या है सबरीमाला मंदिर विवाद?
सुप्रीम कोर्ट ने इसी महीने केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की थी. केरल के सबरीमाला मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं के जाने पर रोक है. ये परम्परा सदियों पुरानी रही है. क्योंकि 10 से 50 साल की महिलाओं को मासिक धर्म होता है. 10 साल से कम और 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाएं मंदिर में जा सकती हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. हालांकि कोर्ट ने अपनी टिप्पणियों में कई बार कहा कि पुरुषों की तरह महिलाओं को भी मंदिर में जाने का अधिकार है.
कौन हैं एस गुरुमूर्ति?
गुरुमूर्ति को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विचारक माना जाता है. स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक भी हैं. एस गुरुमूर्ति को 8 अगस्त को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में अंशकालिक निदेशक बनाया गया. 2016 में नोटबंदी के दौरान मीडिया में खबरें आई थी कि इसका आइडिया गुरुमूर्ति ने दिया था. आरबीआई में डायरेक्टर बनाए जाने पर गुरुमूर्ति ने ट्वीटर पर लिखा था कि मुझे पहली बार ये पद मिला है. मैंने कभी निजी या सरकारी कंपनी में निदेशक के पद को स्वीकार नहीं किया. मैंने कभी पीएसयू या निजी कंपनी में कोई ऑडिट भी नहीं किया. मैं स्वतंत्र होकर बोलना चाहता था. लेकिन जब दबाव बढ़ा कि मुझे लोगों के हित में काम करना चाहिए तो मैंने इसे स्वीकार किया.