पटना। बिहार में जैसे-जैसे ‘बालिका गृह टाइप’ की संस्थाओं की जांच की जा रही है, वैसे-वैसे ‘बड़े-बड़े’ लोगों के चेहरों से नकाब उतरता जा रहा है. मुजफ्फरपुर के बाद पटना आसरा होम्स सुर्खियों में है. आसरा को लेकर पटना के तीन बड़े नामों की मिलीभगत सामने आई है. इनमें खुद को आसरा होम्स की ट्रेजरर बतानेवाली मनीषा दयाल भी शामिल हैं. कहा जाता है कि मनीषा की पहुंच ‘ऊपर’ तक है. इसके अलावा अनुमाया ह्यूमन रिसोर्सेज के सचिव चिरंतन कुमार नाम आया है.
मनीषा की पहुंच ‘ऊपर’ तक है!
पटना के आसरा होम्स मामले में मनीषा दयाल और चिरंतन कुमार की गिरफ्तारी हो चुकी है. कहा जा रहा है कि मनीषा दयाल की पहुंच बहुत दूर तक है. बिहार के सियासी गलियारों से लेकर पटना के बड़े बिजनेसमैन के बीच इनकी पहुंच मजबूत है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पटना के डीएम और एसएसपी को 2 बार आसरा होम्स जांच के सिलसिले में क्यों जाना पड़ा और आखिरकार देर रात हिरासत में लिया जा सका.
‘मौके मिलते नहीं, बनाए जाते हैं’
मनीषा दयाल पटना में कई एनजीओ चलाती हैं. इनकी फंक्शन में सियासत, ब्यूरोक्रेट्स और मीडिया का जमावड़ा लगा रहता है. अखबारों में इनके कार्यक्रम से जुड़े खबरें भरी रहती है. मनीषा दयाल का फेसबुक अकाउंट खंगालने पर इनके रूतबे के बारे में पता चल सकता है. अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन के जरिए मनीषा दयाल ने कामयाबी की सीढ़ियों पर चढ़ना शुरू किया. तब से पीछे मुड़कर नहीं देखीं.
उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि ”मौके मिलते न्हीं, बनाए जाते हैं. कामयाबी हम तक नहीं आती, हमें कामयाबी तक जाना होता है”. मनीषा ने हाल ही में कॉर्पोरेट क्रिकेट लीग का सफल आयोजन कराया था. इसे बिहार का सबसे बड़ा इवेंट माना गया था और ये कामयाब रहा था. इससे मनीषा के रुतबे का अंदाजा लगाया जा सकता है.
मनीषा दयाल की निजी जिंदगी
गया की रहनेवाली मनीषा दयाल ने गया शहर से ही इंटरमीडिएट की पढ़ाई की. वहां उनके पिता का पेट्रोल पंप भी है. मेडिकल की तैयारी के सिलसिले में 1995 में मनीषा राजधानी पटना आ गईं. क्योंकि यहां पर कोचिंग की बेहतर सुविधा थी. मनीषा उन दिनों डॉक्टर बनने की सपने देखती थी. मेडिकल में एडमिशन भी ले लिया. मगर निजी कारणों से मेडिकल की पढ़ाई पूरी नहीं कर सकी.
पटना आने के अगले ही साल 1996 में मनीषा दयाल की शादी जाने-माने बिजनेसमैन जीवन वर्मा से हो गई. इसके बाद मनीषा ने 1996 में बीकॉम में एडमिशन ले लिया. इसके बाद पढ़ाई जारी रही. बाद में एमबीए फाइनेंस तक की डिग्री ली. मनीषा के पति जीवन ने 1997 में एक गारमेंट फैक्ट्री शुरू की. कंपनी में मनीषा फाइनेंस और मार्केटिंग का काम देखने लगी. फैक्ट्री में बने कपड़े बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल भेजे जाते थे.
मनीषा दयाल की करियर
2009 में मनीषा दयाल दिल्ली स्थित स्पर्श फाउंडेशन से जुड़ गई. जो नशा मुक्ति की दिशा में काम कर रही थी. बाद में मनीषा ने रेडक्रॉस और यूनिसेफ के लिए भी काम किया. 2016 में मनीषा दयाल महिला सशक्तिकरण, वृद्ध आश्रम, बच्चों की शिक्षा, झुग्गी-झोपड़ी में रहनेवाली महिला-बच्चों की मुफ्त में चिकित्सा समेत कई सामाजिक काम करनेवाली अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन से जुड़ गईं. सचिव के तौर पर मनीषा ने काम शुरू किया.
मगर आसरा होम्स में रह रही महिला और लड़की मौत के गंभीर मामले में पटना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई कर दी. इन पर लापरवाही बरतने का आरोप है, राजीव नगर थाने में उस मजिस्ट्रेट के बयान पर एफआईआर दर्ज किया गया, जिसके निगरानी में महिला और लड़की का पोस्टमार्टम पीएमसीएच में कराया गया था.
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