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भारत में 90 फीसदी कार के पीछे की सीट पर बैठने वाले करते है ये ‘काम’, कहीं आप भी तो नहीं…

भारत में 90 फीसदी कार के पीछे की सीट पर बैठने वाले करते है ये ‘काम’, कहीं आप भी तो नहीं…

नई दिल्ली. भारत में 90 फीसदी लोग कार (car) में पीछे की सीट पर बेल्ट नहीं बांधते हैं, जिससे उनकी जान को हमेशा खतरा बना रहता है। यह तथ्य केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा जारी निसान इंडिया और सेव लाइफ फाउंडेशन की शोध रिपोर्ट में उजागर हुआ है. गौरतलब है कि देश के मौजूदा काननू में कार (car)की पीछे वाली सीट पर बेल्ट बांधना अनिवार्य है.

इस रिपोर्ट की पुष्टि दिल्ली, मुंबई, जयपुर, बेंगलुरू, कोलकाता और लखनऊ में किए गए सर्वेक्षण से हुई है, जहां 98 फीसदी लोगों ने स्वीकार किया कि वे कार की पीछे वाली सीट पर बेल्ट नहीं बांधते हैं. सर्वेक्षण में 70 फीसदी लोगों ने कार की पीछे वाली सीट पर बेल्ट होने की पुष्टि की.

भारत की सड़कें बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं

सर्वेक्षण में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया, जिसमें दो-तिहाई लोगों ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की और कहा कि भारत की सड़कें बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है. हैरानी की बात है कि लोगों को मालूम है कि बच्चों के लिए हेलमेट का उपयोग किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे उनकी सुरक्षा होगी, फिर भी वे इसका इस्तेमाल नहीं करते हैं.

2017 में सड़क हादसों में 9,408 बच्चों की मौत

सर्वेक्षण में 92.8 फीसदी लोगों ने कहा कि वे बच्चों के हेलमेट के बारे में जानते हैं, लेकिन महज 20.1 फीसदी लोगों ने ही बताया कि वे यात्रा के दौरान बच्चों के लिए हेलमेट का इस्तेमाल करते हैं. हाल ही में सड़क और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि 2017 में सड़क हादसों में 9,408 बच्चों की मौत हो गई. इससे जाहिर है कि देश की सड़कों पर रोजाना 26 बच्चों की मौत होती है.

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निसान इंडिया और सेव लाइफ फाउंडेशन की शोध रिपोर्ट में कहा गया कि सर्वेक्षण के दौरान सिर्फ 27.7 फीसदी लोगों ने बताया कि उनको मालूम है कि देश के मौजूदा काननू में कार की पीछे वाली सीट पर बेल्ट बांधना अनिवार्य है. रिपोर्ट में कहा गया कि 91.4 फीसदी लोग मानते हैं कि भारत में बच्चों के लिए सड़क सुरक्षा कानूनों को सख्त बनाने की जरूरत है.