/Serum Institute में आग से क्यों बैचेन है पूरी दुनिया? वजह जानकर हैरान रह जाएंगे

Serum Institute में आग से क्यों बैचेन है पूरी दुनिया? वजह जानकर हैरान रह जाएंगे

पुणे। Serum Institute में आग से पूरी दुनिया बेचैन है, खासकर एशियाई देश। हादसे में 5 कर्मचारियों की मौत हो गई. पुणे के इसी सीरम इंस्टीट्यूट में कोरोना की वैक्सीन बनाई जा रही है. देश-दुनिया की बेचैनी की सबसे बड़ी वजह यही है. हालांकि राहत की बात ये है कि वैक्सीन बनाने के काम पर कोई असर नहीं पड़ेगा. जिस प्लांट में आग लगी है उसमें वैक्सीन नहीं बनाया जा रहा था.

Serum Institute मंजरी प्लांट में आग
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के मंजरी प्लांट में आग लगी थी। जो वैक्सीन वाले प्लांट से काफी दूर है। संस्थान के अधिकारियों के मुताबिक हादसे में कोरोना वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। मगर टीबी के इलाज में काम आनेवाली बीसीजी वैक्सीन को नुकसान पहुंचा है. मंजरी प्लांट में बीसीजी वैक्सीन का कोई स्टॉक तो नहीं था मगर नुकसान जरूर पहुंचा है.

Serum Institute दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है। पुणे में बनने वाली वैक्सीन का सबसे ज्यादा डोज पूरी दुनिया में बेचे जाते हैं. इनमें पोलियो, हेपेटाइटिस-बी, टिटनस, डिप्थीरिया और टीबी का वैक्सीन भी शामिल है.

साइरस पूनावाल ने की थी स्थापना
पुणे में Serum Institute of India की स्थापना 1966 में साइरस पूनावाला ने की थी. दुनिया की करीब 65 फीसदी बच्चों को सीरम इंस्टीट्यूट में बनी कम से कम एक वैक्सीन लगाई जा चुकी है. सीरम इंस्टीट्यूट भारत का नंबर एक बायो-टेक्नोलॉजी कंपनी है. दुनिया के कई देशों में राष्ट्रीय इम्युनाइजेशन प्रोग्राम में सीरम इंस्टीट्यूट के वैक्सीन का इस्तेमाल किया जाता है.

वैक्सीन सप्लाई पर नहीं पड़ेगा असर
फिलहाल कोरोना से मुकाबले के लिए भारत सरकार ने 2 वैक्सीन की मंजूरी दी है. इसमें एक भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और दूसरी Serum Institute की कोविशील्ड है. कोविशील्ड ऑक्सफोर्ड-एक्स्ट्राजेनेका की वैक्सीन का भारतीय वर्जन है. दोनों ही कंपनियां फर्स्ट फेज के वैक्सीनेशन के लिए टीका डिलिवर कर दिया है. देश के कई हिस्सों में वैक्सीनेशन का काम चल रहा है. Serum Institute के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा है कि सीरम इंस्टीट्यूट हर महीने 5-6 करोड़ वैक्सीन की डोज तैयार कर रही है. शायद दुनिया की सबसे बड़ी चिंता वैक्सीन को लेकर थी. मगर अच्छी बात ये हैं कि कंपनी को नुकसान तो हुआ मगर वैक्सीनेशन पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा.