दिल्ली। दिल्ली पुलिस एक ‘अम्मा’ से परेशान है. अपराध की दुनिया का शायद ही कोई केस हो जिसमें ‘अम्मा’ का नाम न आया हो. ‘अम्मा’ और उसके 8 बेटों पर कुल 113 केस दर्ज है. मगर ‘अम्मा’ को दिल्ली पुलिस गिरफ्तार न कर सकी, जब गिरफ्तार न कर सकी तो उसके प्रोपर्टी को सील कर काम चला रही है.
58 साल की बशीरन की तलाश
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि 58 साल की बशीरन और उसके 8 बेटे क्राइम की दुनिया में किस हद तक शामिल है. इसे संगम विहार इलाके के आतंक का दूसरा नाम बताया गया. बशीरन को एरिया के लोग ‘अम्मा’ के नाम से जानते हैं. पुलिस ने बताया कि बशीरन अपने घर पर नाबालिग बच्चों को बुलाकर उन्हें स्मैक, गांजा, चरस और दारू पिलाकर उन्हें क्राइम की दुनिया में उतारने का काम करती थी.
वो इलाके में पानी माफिया के तौर पर भी काम करती थी. पुलिस ने बताया कि बशीरन और उसके तीन बेटे फरार हैं. दो जेल में हैं और तीन जमानत पर बाहर हैं. यानि अम्मा का धंधा चलाने के लिए कोई न कोई बेटा हमेशा जेल से बाहर रहा. मगर पुलिस के हाथ नहीं लगी.
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संगम विहार में बशीरन का घर सील
जब पुलिस के पास कोई चारा नहीं बचा तो संगम विहार इलाके में हत्या, हत्या का प्रयास और रंगदारी मांगने जैसे अपराध में शामिल 58 साल की बशीरन के घर को पुलिस ने सील कर दिया. 113 केस का रिकॉर्ड कायम करनेवाली बशीरन को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया है. कोर्ट में पेश नहीं होने पर पुलिस ने महिला के घर को सील कर दिया.
परिवार के 9 सदस्यों के अपराध में शामिल होने से इलाके में दहशत थी. संगम विहार थाना पुलिस ने इस मामले में लगातार कार्रवाई करते हुए इसके घर को सील कर दिया. संगम विहार थाने के एसएचओ उपेंद्र सिंह और इनकी टीम ने कोर्ट में बशीरन की प्रोपर्टी को सील करने की इजाजत मांगी थी.
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