दिल्ली। जब नौकरियां ही नहीं है तो जाति आधारित आरक्षण का क्या फायदा? ये बात केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कही है. मराठा आंदोलन की आंच में झुलस रहे महाराष्ट्र में नितिन गडकरी के इस बयान ने आग में घी का काम किया है. नितिन गडकरी का कहना है कि आरक्षण रोजगार की गारंटी नहीं है. नौकरियां पहले से ही कम हो रही हैं.
‘आरक्षण रोजगार की गारंटी नहीं‘
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महाराष्ट्र के औरंगाबाद में नितिन गडकरी ने एक सवाल के जवाब में ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि अगर आरक्षण दे भी दिया जाता है तो भी कोई फायदा नहीं है. क्योंकि नौकरियां कम हो रही हैं. सरकारी भर्ती रुकी हुई है. नौकरियां कहां है? नितिन गडकरी ने आर्थिक आधार पर आरक्षण की तरफ इशारा किया. उन्होंने कहा कि नीति निर्माता हर समुदाय के गरीबों पर विचार करें. उन्होंने कहा कि एक सोच कहती है कि गरीब गरीब होता है. उसकी जाति, पंथ या भाषा नहीं होती. उसका कोई धर्म नहीं होता. मुस्लिम, हिन्दू या मराठा सभी समुदायों में एक धड़ा है जिसके पास पहनने के लिए कपड़े नहीं हैं. खाने के लिए भोजन नहीं है.
16 फीसदी आरक्षण की मांग
मराठा आरक्षणाची वैधानिक कारवाई नोव्हेंबरअखेरपर्यंत पूर्ण करणार, सर्वांचे हित जपूनच मेगाभरती : मुख्यमंत्री श्री @Dev_Fadnavis यांचा राज्यातील जनतेशी संवाद #DevendraTalksToMaharashtra pic.twitter.com/cpsOQfROFw
— CMO Maharashtra (@CMOMaharashtra) August 5, 2018
महाराष्ट्र में 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समुदायों का आंदोलन जारी है. पुणे, नासिक, औरंगाबाद में ये आंदोलन हिंसक भी हुआ है. कई जगहों पर आगजनी हुई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कई युवकों ने आरक्षण की मांग को लेकर खुदकुशी तक की है. पिछले दिनों विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की बैठकें हुई हैं. जिसमें कानून के दायरे में मराठा समुदाय को आरक्षण देने पर विचार किया गया. सरकार ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया की जांच के बाद मराठा आंदोलन के विषय में एलान किया जाएगा. जिससे अन्य समुदाय को मिलने वाले आरक्षण पर कोई प्रभाव न पड़े.
ट्वीट कर गडकरी ने दी सफाई
My attention has been drawn to certain media reports attributed to me. There is absolutely no thinking at the central government to change the reservation criteria from castes to economic conditions.
— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) August 4, 2018
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विपक्ष मोदी सरकार और बीजेपी पर आरक्षण खत्म करने की कोशिश का आरोप लगाता रहा है. वहीं बीजेपी और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात को कह चुके हैं कि आरक्षण को कोई हाथ नहीं लगा सकता. विपक्ष भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहा है. अपने बयान के बाद गडकरी ने भी पक्ष रखा और ट्वीट कर कहा कि आर्थिक आधार पर आरक्षण की सरकार की कोई मंशा नहीं है.