दिल्ली। अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार कहा था कि ”मैं बारात नहीं चढ़ा तो इसका मतलब ये भी नहीं कि मैं जीवनभर कुंवारा रहा”. अटलजी ने काफी पहले नमिता कौल को अपनी दत्तक बेटी के तौर पर स्वीकार किया था. अब नमिता की 23 साल की बेटी है. 1983 में अटलजी की रजामंदी के बाद उनकी शादी रंजन भट्टाचार्य से हुई थी. मगर अटलजी का कौल परिवार से कनेक्शन काफी पुराना है.
अटलजी का कौल परिवार से कनेक्शन
नमिता की मां राजकुमारी कौल ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज में अटलजी के साथ ही पढ़ती थीं. बाद में उनकी शादी दिल्ली के रामजस कॉलेज के प्रोफेसर बृज नारायण कौल से हुई. दिल्ली आने के बाद अटलजी कौल परिवार के संपर्क में आए. धीरे-धीरे उनकी नजदीकी बढ़ती गई. राजकुमारी कौल को अटलजी की अच्छी दोस्त या फिर पहले प्यार के तौर पर लोग देखते रहे हैं. हालांकि जो भी राजकुमारी कौल से मिला, वो उनकी सादगी और स्नेहपूर्ण सलूक का कायल हो गया. राजकुमारी कौल की दो बेटियां थीं. बड़ी नमिता और छोटी नम्रता. नम्रता डॉक्टर हैं और लंबे समय से अमेरिका में रह रही हैं. बृज नारायण कौल के निधन के बाद कौल परिवार के संरक्षक और अभिभावक अटलजी ही बन गए.
कॉलेज का प्यार शादी में बदला
70 के दशक में नमिता ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन किया. पढ़ाई के दौरान उनकी दोस्ती रंजन भट्टाचार्य से हुई. रंजन भी यहां इकोनॉमिक्स की पढ़ाई कर रहे थे. दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रंजन और नमिता का अफेयर 1976 से 1983 तक चला. रजन का नमिता के घर पर आना-जाना भी हो गया. रंजन की मुलाकातें अटलजी से भी अक्सर होने लगी. अटलजी भी उन्हें पसंद करने लगे. रंजन भट्टाचार्या ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो अक्सर उनका नाम भूल जाते थे. बाद में नमिता और रंजन दोनों की शादी हो गई.
रंजन और नमिता की बेटी निहारिका
नमिता ने कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद कुछ दिनों तक बतौर टीचर काम किया था. मगर बाद में छोड़ दिया. आमतौर पर वो काफी लोप्रोफाइल जीवन व्यतीत करती हैं. रंजन और नमिता की एक बेटी है जिसका नाम निहारिका है. निहारिका के साथ अटल जी काफी वक्त गुजारते थे. अब वो 23 साल की हैं और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं. रजन भट्टाचार्य का होमटाउन पटना है, मगर दिल्ली और शिमला में उनका काफी वक्त बीता है. कहा जाता है कि पटना में काफी बड़ी उनकी पैतृक संपत्ति थी.
Delhi: Tricolour wrapped around mortal remains of #AtalBihariVajpayee handed over to his granddaughter Niharika. Via @ANI @narendramodi @AmitShah @rashtrapatibhvn @smritiirani @SushmaSwaraj @nsitharaman pic.twitter.com/UdtPGXkkHU
— AnitaJayeshPatel BJP (@AnitaJayesh) August 17, 2018
अटल जी के दामाद को जानिए
रंजन संभ्रांत बंगाली ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. 22 साल की उम्र में उनके पिता की और तीन साल बाद उनकी मां गुजर गईं. उनके एक भाई हैं जो विदेश में बस चुके हैं. श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद रंजन ने ऑबेरॉय स्कूल ऑफ होटल मैनेजमेंट से डिप्लोमा किया. 24 साल की उम्र में ही वो श्रीनगर के ओबरॉय होटल के जनरल मैनेजर बन गए. हालांकि 1987 में उन्होंने नौकरी छोड़ दी. फिर मनाली में अपना रिसॉर्ट्स शुरू किया. कुछ साल बाद इसे बेच दिया. 10 साल बाद 1997 में उन्होंने अमेरिका की कार्लसन हॉस्पिटालिटी ग्रुप के साथ मिलकर ज्वाइंट वेंचर शुरू किया. कार्लसन ग्रुप के देश के बड़े होटलों में शेयर है. पिछले दिनों खबर आई कि कार्लसन इस ज्वाइंट वेंचर से रंजन भट्टाचार्य के शेयर खरीद सकता है.
पीएमओ में की दामाद की नियुक्ति
जब पहली बार अटलजी प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने रंजन को पीएमओ में ऑफिसर ऑन ड्यूटी नियुक्त किया. इसके बाद सियासी विवाद भी हुआ था. बाद में अटलजी की विदेश दौरों पर कई बार उनके साथ रंजन और नमिता भी होती थीं. कई बार चर्चाएं भी उड़ी की अटलजी, रंजन को बातचीत के लिए जयललिता और चंद्रबाबू नायडु के पास भेजते थे. हालांकि इसका हमेशा खंडन हुआ. जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब उन पर अक्सर तमाम डील्स में शामिल होने के आरोप लगते रहते थे. जब भी ये बातें मीडिया ने रंजन से पूछी तो उन्होंने हंसते हुए कहा कि मेरे खिलाफ तो ये आरोप लगाए जाते रहते हैं. वैसे उन्होंने हमेशा इन बातों का खंडन किया. 2012 में अरविंद केजरीवाल ने सरकारी दामाद कहते हुए उन पर सीधा हमला भी किया था.
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