कोरोना संकट को लेकर लगभग एक साल से भारत-नेपाल बॉर्डर सील है। इसकी वजह से दोनों देशों के बीच कायम बेटी-रोटी के संबंध में (Nepali Bride) खटास उत्पन्न हो रही है।
भारत और नेपाल की सीमा सील होने से दर्जनों शादियां अधर में लटक गई हैं। बिहार के सीमावर्ती इलाके के लोग आपस में शादी-ब्याह करते हैं। मगर कोरोना की वजह से कई जगहों पर बॉर्डर सील है। इसकी वजह से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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नदी पार कर ससुराल पहुंची दुल्हन (Nepali Bride)
बॉर्डर से सटे सोनबरसा-त्रिभुवन नगर के बीच झीम नदी को लोग या तो पैदल पार करते हैं या फिर जान जोखिम में डालकर बाइक से जाते हैं। बॉर्डर से एंट्री नहीं मिलने पर दोनों देशों के बीच होकर बहने वाली झीम नदी पार कर लोग आते-जाते हैं। इसी तरह गुरुवार को नवविवाहित दूल्हा अपनी दुल्हन (Nepali Bride) को बाइक पर बैठा कर नदी को पार कराया। जोड़े का यह फोटो वायरल हो गया।
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बाकी बारातियों ने नदी को पैदल पार किया। लोगों ने बताया कि जहां शादी में दूल्हा-दुल्हन फूलों से सजी गाड़ी पर बैठकर ससुराल जाते हैं। वहीं सीमावर्ती क्षेत्र के वर-वधु का दुर्भाग्य है कि जान जोखिम में डाल कर नदी पारकर या फिर बाइक से जाते हैं।
शादी वाली गाड़ियों को बॉर्डर पर नहीं मिल रही अनुमति
सीतामढ़ी के सोनबरसा प्रखंड में भारत-नेपाल सीमा पर लोग किसी तरह अपने रिश्तेदारों से मिलने पैदल या बाइक से आ-जा रहे है।
बैरगनियां, सुप्पी, मेजरगंज, परिहार, सोनबरसा, सुरसंड, चोरौत के हिस्से नेपाल से सटा हुआ है। मगर बॉर्डर सील रहने के कारण दोनों देश के बीच विवाह संबंधों में भी कठिनाई हो रही है। बॉर्डर से गाड़ियों को ले जाने की अनुमति नहीं है। ऐसे में दूल्हा-दुल्हन (Nepali Bride) बाइक या पैदल नदी पारकर ससुराल जाने को मजबूर हैं।
मुस्लिमों के भी नेपाल से बेटी-रोटी के संबंध
ऐसी बात नहीं कि भारत-नेपाल में सिर्फ हिन्दुओं के बीच ही बीच ही बेटी-रोटी का संबंध है। इस तरह का संबंध मुसलमानों में भी है। दोस्तियां पंचायत के बसहिया निवासी दूल्हा अहमद शेख की कहानी भी ऐसी ही है।
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नेपाल के त्रिभुवन नगर निवासी दुल्हन का भाई शेख रहमत ने बताया कि लाख आरजू-मिन्नत के बाद भी दूल्हे की गाड़ी (Nepali Bride) को बॉर्डर से जाने का अनुमति नहीं मिली। बाराती और दूल्हे को मायूस होकर लौटना पड़ा। इसके बाद झीम नदी पार त्रिभुवननगर से बयलबांस के लिए दूल्हा और बारातियों के लिए अलग से गाड़ी करनी पड़ी।