दिल्ली। तमिलनाडु की राजनीति के केंद्र रहे करुणानिधि का 94 साल की उम्र में निधन हो गया है। करुणानिधि अपने पूरे राजनीतिक जीवन में तमिल भाषा और तमिलनाडु की जनता के सबसे बड़े हितचिंतक रहे। लेकिन उनके पूरे राजनीतिक जीवन में उनकी सबसे बड़ी विरोधी एआईडीएमएके की प्रमुख जयललिता रहीं। दोनों की राजनीतिक शत्रुता जगजाहिर थी। ये उस वक्त खुलकर और सामने आ गई थी जब जयललिता ने साल 2001 में रात पौने दो बजे एम. करुणानिधि को गिरफ्तार करवाया था।
रात पौने दो बजे गिरफ्तारी
दरअसल, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहते हुए एम. करुणानिधि 2001 में विधानसभा चुनाव हार गए थे। इस चुनाव में उनकी विरोधी जयललिता के एआईएडीएमके गठबंधन को 196 सीटें मिली थी। जयललिता अब तमिलनाडु की नई मुख्यमंत्री थीं। मुख्यमंत्री बनते ही जयललिता ने अपने विरोधी करुणानिधि के खिलाफ जांच शुरू करवा दी।
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गड़बड़ी का लगाया था आरोप
करुणानिधि के कार्यकाल में चेन्नई शहर में मिनी फ्लाईओवर के निर्माण में सरकार के द्वारा वित्तीय अनियमितता की गई है कि आरोप लगा। इस अनियमितता से सरकारी कोष को 12 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इस संबंध में पुलिस ने 29 जून 2001 में रात 9 बजे शिकायत दर्ज की थी। इसके तुरंत बाद ही पुलिस ने करुणानिधि की गिरफ्तारी का फैसला कर लिया।
उस वक्त के मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 29 और 30 जून 2001 की दरमियानी रात में तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि अपने कमरे में सो रहे थे। रात के 1:30 बजे थे। करुणानिधि का कमरा घर की ऊपरी मंजिल पर था। पुलिस उनके घर में घुस आई।
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दरवाजा तोड़कर घुसी थी पुलिस
पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़ दिया और करुणानिधि से कपड़े पहनकर साथ चलने के लिए कहा। पुलिस ने कथित तौर पर घर की टेलीफोन लाइनें काट दी थीं। टेलीविजन क्लिप में देखा जा सकता है कि करुणानिधि बेड से गिर पड़े। पुलिस उन्हें धक्का देकर और पीटते हुए अपने साथ उठाकर ले गई। उन्हें बचाने के लिए दौड़े मुरासोली मारन को भी पुलिस ने पीटा और साथ में गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के वक्त रोते हुए करुणानिधि की तस्वीरें जब टीवी पर आईं तो तहलका मच गया।
उस वक्त के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गिरफ्तारी की निंदा की और इस पूरे मामले में चीफ सेक्रेटरी और गवर्नर से रिपोर्ट तलब कर ली। इस गिरफ्तारी की पूरे राजनीतिक सर्किट में नींदा की गई थी।
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