चुनावी मौसम में जब बजट का पिटारा खुला, तो आम आदमी को छप्पर फाड़ छूट मिली। 2019 के महासंग्राम से पहले मोदी सरकार ने बजट (budget 2019) के जरिए किसान, मजदूर, मिडिल क्लास और ग्रामीणों को साधने के लिए को कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।
चुनावी मौसम में बजट का पिटारा
मोदी सरकार ने हर वर्ग को खुश करने की कोशिश की है। किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए सालाना 6 हजार रुपये देने का ऐलान किया। वहीं, मजदूरों को कम से कम 3000 रुपये पेंशन देने की घोषणा की। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने टैक्स लिमिट बढ़ा दिया। जाहिर है, अंतरिम बजट के जरिए मिशन 2019 का एजेंडा सेट किया गया है।
आम आदमी को क्या मिला ?
बजट पर नज़र डालें तो मनरेगा के लिए 60 हजार करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। सौभाग्य योजना के तहत मार्च 2019 तक सभी परिवारों को बिजली का कनेक्शन मिलेगा। उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ गैस कनेक्शन दिए जाएंगे। यानी छह करोड़ कनेक्शन बांटे जाने के बाद दो करोड़ और कनेक्शन बांटे जाने का प्रावधान किया गया है।
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सरकार ने इंटरनेट डाटा खर्च में 50 गुना बढ़ोतरी का दावा किया। साथ ही अगले 5 साल में 1 लाख डिजिटल गांव बनाने की बात कही। इसके अलावा सरकार का फोकस ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा दिए जाने पर रहा।
सरकार का बखान भी
एक तरफ मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में आम लोगों के बंपर गिफ्ट दिया। तो वहीं, पिछले साढ़े चार साल में किए गए कामों को भी खूब गिनाया। बजट के जरिए मोदी सरकार ने इस तरह कार्यों का बखान किया। 1 लाख 70 हजार करोड़ रुपए सस्ते अनाज पर खर्च किए। आयुष्मान भारत योजना से अब तक 10 लाख लोगों को लाभ।
इतना ही नहीं, मुद्रा योजना के तहत 5 करोड़ से अधिक लोन दिए गए। EPFO के मुताबिक 2 करोड़ से अधिक लोगों को नौकरी मिली। आज हर गांव को सड़क से जोड़े जाने की मुहीम भी भुनाई गई। हर दिन 27 किलोमीटर हाईवे बनाने की बात कही। सौर ऊर्जा क्षेत्र में 10 गुना की बढ़ोतरी हुई।