पटना। लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप की शादी हो गई है। लेकिन लालू की राजनीतिक विरासत को उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव ही संभाल रहे हैं। बिहार में जब महागठबंधन की सरकार बनी तो छोटे बेटे तेजस्वी को लालू ने उपमुख्यमंत्री बनाया है।
कहा जाता है कि तेजस्वी को जब यह जिम्मेवारी दी जा रही थी तो तेज प्रताप ने घर में बखेड़ा खड़ा कर दिया था।
फिर उन्हें भी दो मंत्रालय दिए गए थे।
फिलहाल पोस्टर ब्वॉय तेजस्वी
लेकिन बाद में लालू यादव की अनुपस्थिति में पार्टी का चेहरा तेजस्वी ही रहे।
लालू यादव के जेल जाने के बाद तेजस्वी ही अघोषित रूप से पार्टी को संभाल रहे थे।
लेकिन बिहार के सियासी गलियारों में यह चर्चा भी चल रही है कि तेजस्वी के हम उम्र बिहार की पॉलिटिक्स में तो कई नेता हैं।
लेकिन किसी का कद इतना बड़ा नहीं है। ऐसे में तेजस्वी को चुनौती उनके घर में ही मिलेगी।
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भाभी से मिलेगा तेजस्वी को चुनौती?
वो चुनौती कोई और नहीं उनकी भाभी ऐश्वर्या राय देंगी।
12 मई को उनके बड़े भाई तेजप्रताप की शादी ऐश्वर्या राय से हुई है।
यह शादी मीडिया में बॉलीवुड स्टार और क्रिकेटरों की शादी जैसी छाई रही।
ऐश्वर्या भी इस शादी में काफी खूबसूरत और बोल्ड दिख रही थीं।
लेकिन आपके मन में भी सवाल उठ रहा होगा कि तेजस्वी की राजनीति के लिए ऐश्वर्या खतरा कैसे हैं।
इसे जानने से पहले ऐश्वर्या का बैकग्राउंड जान लीजिए।
पॉलिटिकल है ऐश्वर्या का बैकग्राउंड
तेजस्वी खुद नौवीं पास हैं, जबकि उनके बड़े भाई तेजप्रताप बारहवीं पास हैं।
वहीं, ऐश्वर्या राय मास्टर की हुई हैं। ऐश्वर्या की परवरिश भी एक राजनीतिक खानदान में हुई है।
दादा दारोगा राय बिहार के पूर्व सीएम रहे हैं।
वहीं, पिता चंद्रिका राय भी छह बार विधायक रहे हैं और राजद सरकार में मंत्री भी रहे हैं।
लेकिन राजनीति में उतने एक्टिव नहीं हैं। सिर्फ अपने चुनावी क्षेत्र में ही एक्टिव रहते हैं।
ऐसे में ऐश्वर्या का मायके पक्ष तो पहले से ही राजनीतिज्ञों का है और अब ससुराल बिहार के सबसे बड़े सियासी घराने में हो गई है।
सास राबड़ी देवी पहले ही संकेत दे चुकी हैं कि बहू अगर राजनीति में आना चाहेगी तो उसे कोई रोकेगा नहीं।
ये संकेत एक तरीके से फुल तैयारी मानी जा रही है कि ऐश्वर्या देर-सवेर राजनीति में दस्तक देगी।
ऐसे में ऐश्वर्या की छवि भी साफ-सुथरी है।
वहीं, तेजस्वी के नाम बेनामी संपत्ति और रेलवे टेंडर घोटाला में आने के बाद दागदार हो गई है।
इसके बाद ही नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग हो गए थे।
वहीं, पिता लालू भी चारा घोटाला में सजायफ्ता हैं।
साथ ही तेजस्वी के एजुकेशन लेवल पर भी हमेशा सवाल उठते रहता है।
ऐसे में ऐश्वर्या की साफ छवि उनकी राजनीति के लिए खतरा बन सकता है।
अगर परिस्थिति ऐसी बनी तो लालू अपनी बहुरिया को आगे कर सकते हैं और पद की लालसा किसे नहीं होती है।
क्योंकि तेजप्रताप की आदतों को सब लोग जानते हैं, ऐसे में लालू हमेशा उन्हें आगे करने से कतराते हैं।
हालांकि तेजप्रताप का स्टाइल बिल्कुल लालू जैसा है।
उनका इतिहास रहा है कि बोलने के बाद ही वो उसका सियासी नफा नुकसान देखते हैं।
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2019 या 2020 में ऐश्वर्या की लॉन्चिंग?
वहीं, ऐश्वर्या के पापा चंद्रिका राय भी लालू के यसमैन हैं। उनके साथ कभी भी उन्होंने महत्वकांक्षा की राजनीति नहीं कर पाए हैं।
ऐसे में समधी बन जाने के बाद चंद्रिका लालू के और विश्वासपात्र हो जाएंगे तो वो भी बेटी को आगे बढ़ना चाहेंगे।
हालांकि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद तेजस्वी ने एक अलग पहचान बनाई है।
उसमें तेजप्रताप काफी पीछे रह गए हैं। ऐसे में ऐश्वर्या भी चाहेगी कि पति को देवर के बराबर खड़ा करना।
फिलहाल ये बातें बिहार के सियासी गर्भ में पल रही है।
लेकिन राजनीतिक जानकारों की मानें तो 2019 के लोकसभा चुनाव या फिर 2020 के विधानसभा चुनाव में ऐश्वर्या का राजनीति में पदार्पण हो जाएगा।
यंग और एनर्जेटिक होने की वजह से वह आगे चलकर तेजस्वी की राजनीति के लिए खतरा बन सकते हैं।
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