पटना। मुजफ्फरपुर शेल्टर सेक्स स्कैंडल मामले की जांच की सिफारिश सीबीआई को कर दी गई. अब सीबीआई बालिका गृह में इस बात का पता लगाएगी की ‘मूंछ वाले नेता जी’ और ‘पेट वाले अंकल’ कौन हैं? बच्चियों ने पूछताछ में बताया था कि एक मूंछ वाले अंकल और पेट वाले नेताजी अक्सर शेल्टर होम आते थे.
‘मूंछ वाले नेता जी’ और ‘पेट वाले अंकल’ कौन?
बिहार की सियासत में भूचाल लाने वाला मुजफ्फरपुर रेप गृह कांड मामले में नया ट्विस्ट आ गया है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधानसभा में मीडिया से बातचीत में राज्य सरकार से पूछा कि ये बताना चाहिए कि ये ‘मूंछ वाले नेताजी’ और ‘पेट वाले अंकल’ कौन हैं? आखिर इन मासूमों के गुनहगारों को सरकार क्यों बचा रही है? सरकार को इसका जवाब देना चाहिए.
तेजस्वी यादव ने बीजेपी कोटे से मंत्री और मुजफ्फरपुर के विधायक सुरेश शर्मा की तरफ इशारा करते हुए उनपर कार्रवाई करने की मांग की. तेजस्वी ने कहा कि नीतीश सरकार केवल सीबीआई जांच की अनुशंसा कर के बच नहीं सकती है. सरकार को पूरे मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना होगा, नहीं तो हमारा आंदोलन जारी रहेगा.
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‘दोषी पाई जाऊंगी तभी इस्तीफा दूंगी’
समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा अपने पति चंदेश्वर वर्मा पर लगाए गए आरोपों को लेकर मीडिया पर भड़क उठीं. उन्होंने कहा कि अगर जांच में दोषी पाई जाऊंगी तभी इस्तीफा दूंगी. उनका कहना था कि विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने साजिश के तहत आरोप लगाए हैं. इस मामले में आरोपी की पत्नी इतने दिनों से कहां थी.
मुजफ्फरपुर बालिका सुधार गृह मामले में गिरफ्तार सीपीओ रवि कुमार रौशन की पत्नी शिभा कुमारी ने बिहार सरकार के समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा पर गंभीर आरोप लगाए थे. शिभा ने कहा था कि मंत्री मंजू वर्मा के पति चंदेश्वर वर्मा बालिका सुधार गृह में अक्सर आते थे. उनके साथ कई अफसर भी होते थे. अधिकारी नीचे रहते थे और चंदेश्वर वर्मा बालिका सुधार गृह में ऊपर जाते थे. रवि रौशन की पत्नी ने आरोप लगाया कि चंदेश्वर वर्मा बच्चियों के बीच ‘नेता जी’ के नाम से मशहूर थे.
‘तेजस्वी यादव को लीगल नोटिस भेजूंगा’
‘पेट वाले अंकल’ के तौर तेजस्वी यादव ने बिना नाम लिए सुरेश शर्मा के तरफ इशारा किया था. इसके बाद सुरेश शर्मा भी सफाई देने के लिए मैदान में कूद गए. उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद बताया. कहा कि तेजस्वी को लीगल नोटिस भेजूंगा. मैं बालिका गृह में कभी गया ही नहीं. मैं जानता तक नहीं कि ये सेंटर कहां है. अगर में दोषी पाया गया तो अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा. अगर आरोप साबित नहीं हुआ तो तेजस्वी को इस्तीफा देना होगा.
29 लड़कियों के साथ रेप की आशंका
बिहार पुलिस का कहना है कि मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में रह रहीं 29 लड़कियों के साथ रेप की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है. 10 लड़कियों का अभी मेडिकल टेस्ट नहीं हुआ है. मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने अपने सोशल ऑडिट में पाया कि बिहार के बालिका गृहों में रह रही लड़कियों के साथ यौन शोषण किया जा रहा है.
100 पन्ने की इस रिपोर्ट को उसने बिहार सरकार को सौंपा. इसके बाद जाकर ये कार्रवाई चल रही है. इस रिपोर्ट में कई बालिका गृहों का जिक्र है मगर मुजफ्फरपुर का बालिका गृह जांच के केंद्र में है. सबूत जुटाने के लिए मकान के कैंपस में तक खुदवा डाला. पुलिस को शक है कि एक बच्ची की हत्या कर कैंपस में दफना दिया गया. इसी बिल्डिंग में सेवा संकल्प नाम की स्वयंसेवी संस्था बालिका गृह चलाती थी.
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बालिका गृह में रहनेवाली एक लड़की ने पुलिस को बताया था कि एक लड़की को मारकर यहां दबाया गया है. जिसके बाद से खुदाई की गई. शुरू में डीजीपी एस के ट्विवेदी ने कहा था कि वो पुलिस की जांच से संतुष्ट है. हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में कहा था कि अगर राज्य सरकार सिफारिश करे तो सीबीआई से जांच करा सकते हैं. बिहार की विपक्षी पार्टियां मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रही थी. अब बिहार सरकार ने मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया.
मुजफ्फरपुर बालिका गृह के संचालक और मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर का परिवार 1982 से प्रात: कमल नाम का एक हिन्दी अखबार भी निकालता है. उनके पिता राधा मोहन ठाकुर ने इसका प्रकाशन शुरू किया था. इन बालिका गृहों में 6 से 18 साल की वैसी लड़कियों को रखा जाता है जो अनाथ, भूली-भटकी, मानसिक रुप से बीमार या किसी दूसरे कारण से परिवार से अलग हो गई है. सरकार की तरफ से इन्हें संरक्षण हासिल होता है. अब इस मामले में सियासत चरम पर है. शेल्टर होम सेक्स स्कैंडल की ‘आग’ 2 मंत्रियों तक पहुंच चुकी है. ‘मूंछ वाले नेता जी’ और ‘पेट वाले अंकल’ पर बयानबाजी हो रही है.
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