दिल्ली। Corona Vaccine को लेकर दुनिया के कई देशों में ह्यूमन ट्रायल चल रहा है. पूरी दुनिया चाह रही है कि जितना जल्दी हो सके कोरोना का वैक्सीन तैयार हो जाए. दुनियाभर के वैज्ञानिक वैक्सीन तैयार करने में लगे हैं. कई वैक्सीन तो अंतिम चरण में है. तो आपको बताते हैं कि कोरोना वैक्सीन को लेकर दुनियाभर में क्या अपडेट है.
Corona Vaccine: 115 पर चल रहा काम
माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने भारत पर भरोसा जाताया है. उन्होंने कहा कि ‘मुझे विश्वास है कि भारत की फार्मा इंडस्ट्री को कोरोना की वैक्सीन बनाने में सफलता मिलेगी, जिससे दुनिया के दूसरे देशों को भी राहत मिलेगी. गेट्स के मुताबिक ‘दुनिया के विभिन्न हिस्सों में कम से कम 115 वैक्सीन पर काम चल रहा है, जिनमें से 6 में भारतीय कंपनियां सक्रिय हैं’.
भारत
भारत में कोरोना के 2 Corona Vaccine का ट्रायल चल रहा है. एक में आईसीएमआर और भारत बॉयोटेक की ओर से तैयार वैक्सीन ‘कोवाक्सिन’ का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो चुका है. देश के 14 शहरों में डेढ़ हजार वॉलेंटियर्स पर इसका ट्रायल चल रहा है. ‘कोवाक्सिन’ के बाद अब अहमदाबाद की दवा कंपनी जाइडस कैडिला लिमिटेड ने ‘जायकोव-डी’ का ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया है. यानी भारत में 2 कंपनियां कोरोना वैक्सीन की ट्रायल कर रही है.
रूस
रूस का दावा है कि दुनिया की सबसे पहली Corona Vaccine सितंबर तक बजार में उपलब्ध करा दी जाएगी. वैक्सीन पर काम कर रही सेचनोन यूनिवर्सिटी का कहा है कि Gam-COVID-Vac Lyo नाम की इस वैक्सीन के अबतक हुए सभी चरणों का ट्रायल सफल रहा है. इस वैक्सीन के एक बार इस्तेमाल से 2 साल तक कोरोना के खिलाफ इम्यूनिटी बढ़ाए रखेगी.
अमेरिका
अमेरिका में 2 कंपनियां Corona Vaccine पर काम कर रही है. वैक्सीन बनाने वाली कंपनी मॉडर्ना ने कहा कि जुलाई के आखिरी सप्ताह में ह्यूमन ट्रायल का आखिरी चरण होगा. जबकि बॉयोटेक कंपनी इनोवियो ने अपनी INO-4800 के बारे में कहा कि उसका ट्रायल 94 फीसदी सफल रहा. अभी और ट्रायल होना बाकी है.
Corona Vaccine: चीन
जिस देश ने दुनिया को कोरोना वायरस दिया उस देश यानी चीन में एक साथ 4-4 Corona Vaccine पर काम चल रहा है. न्यूज एजेंसी रॉयटर की मानें तो यहां एक वैक्सीन ट्रायल के अंतिम चरण में है. जबकि एक अन्य वैक्सीन को भी सीमित लोगों पर ट्रायल की अनुमति मिल गई है. वुहान इंस्टीट्यूट और सीनाफॉर्म्स दूसरे चरण में हैं. सिनोवैक और इंस्टीट्यूटो बुटेंटेन वैक्सीन को विकसित करने के तीसरे चरण में है.
ब्रिटेन
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के Corona Vaccine के ह्यूमन ट्रायल में सफल होने की खबर है. ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन को सबसे कारगर माना जा रहा है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका की इस वैक्सीन के ट्रायल के फाइनल नतीजे आधिकारिक रूप से जारी नहीं किए गए हैं. शोधकर्ताओं के मुताबिक ट्रायल के नतीजों के डेटा पब्लिकेशन के लिए साइंटिफिक जर्नल के मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है. इसक वैक्सीन का प्रोडक्शन AstraZeneca कंपनी करेगी.
ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी वाली Corona Vaccine के अलावा एक अन्य वैक्सीन भी रेस में है. लंदन के इंपीरियल कॉलेज में 300 लोगों पर इस वैक्सीन के ट्रायल किया गया. अगले चरण में इसका ट्रायल 6 हजार लोगों पर किया जाना है. कहा जा रहा है कि अगर इसका प्रयोग सफल रहा तो इसकी एक डोज की कीमत 300 रुपए से भी कम होगी.
ब्राजील
ब्राजील में ChAdOx1 nCoV-19 (AZD1222) Corona Vaccine के ह्यूमन ट्रायल के बेहतरीन नतीजे आए हैं. वैक्सीन से वॉलेंटियर्स में वायरस के खिलाफ इम्यूनिटी विकसित हुई है. वैज्ञानिकों को भरोसा है कि सितंबर तक ये वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी.
थाईलैंड
थाईलैंड से भी वैक्सीन को लेकर अच्छी खबर है. बंदरों और चूहों पर इसका ट्रायल सफल रहा है. सितंबर से इंसानों पर इसका ट्रायल होगा. ट्रायल के लिए सेन डिगो और वेंकूवर में 10 हजार डोज तैयार किया जा रहा है. पेइचिंग तकनीक संस्थान और बायोटेक फर्म कनसीनो ने मिलकर इस वैक्सीन को तैयार किया है.
जर्मनी-ऑस्ट्रेलिया-इस्रायल
Corona Vaccine तैयार करने में अन्य देश भी कोशिश कर रहे हैं. जर्मनी की बात करें तो बायोएनटेक, पीफाइजर और फोसन फार्मा कोरोना की संभावित वैक्सीन बनाने में दूसरे चरण में पहुंच चुके हैं. वहीं ऑस्ट्रेलिया का वैक्सीन पैटी लिमिटेड और मेडिटॉक्स पहले चरण में है. इस्रायल भी पहले ही कोरोना की वैक्सीन को लेकर दावा कर चुका है, हालांकि अबतक वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पाई है.
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