OMG! भारत में एक आदमी 6 लीटर शराब पीता है
नई दिल्ली. भागदौड़ वाली दिनचर्या, अव्यवस्थित जीवनशैली, काम का बोझ और मानसिक तनाव के बीच बुरी लतें मौजूदा दौर में लोगों की परेशानी और बढ़ा रही हैं. ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (global adult tobacco survey report) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की कुल 130 करोड़ आबादी में से 28.6 फीसदी लोग तंबाकू का सेवन करते हैं.
रिपोर्ट में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि करीब 18.4 फीसदी युवा न सिर्फ तंबाकू, बल्कि सिगरेट, बीड़ी, खैनी, बीटल, अफीम, गांजा जैसे अन्य खतरनाक मादक पदार्थो का सेवन करते हैं.
शराब की खपत दोगुनी
बीते साल आई WHO की ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट में भी कुछ ऐसे ही चिंताजनक आंकड़े सामने आए थे. 2017 में आई इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में बीते 11 सालों में प्रति व्यक्ति शराब की खपत दोगुनी हुई है. जहां 11 साल पहले एक व्यक्ति 3 लीटर शराब पीता था वहीं बीते 11 वर्षो में बढ़कर इसकी खपत बढ़कर 6 लीटर हो गई है.
नशीले पदार्थ की लत तेजी से बढ़ी
रिपोर्ट के अनुसार, इस दशक में भारतीय युवाओं में तंबाकू और शराब के अलावा एक और नशीले पदार्थ की लत तेजी से बढ़ी है. वह नशीला पदार्थ है ड्रग्स. ड्रग्स और अन्य मादक पदार्थो के सेवन से शारीरिक कार्यक्षमता बनाए रखने में ऊर्जा का अत्यधिक उपयोग होता है, जिसके चलते ये नशीले पदार्थ यकृत और फेफड़ों में विषाक्त पदार्थ के रूप मं जमा होने लगते हैं.
खान-पान की आदतें भी बीते कुछ वर्षो में काफी तेजी से बदली है. सपरफूड से लेकर जंक फूड न केवल शहरों बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी अब पांव पसारने लगे हैं. साल 2018 में आई क्लिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 35 फीसदी भारतीय सप्ताह से भी कम समय में एक बार फास्ट फूड खाते हैं.
14 फीसदी स्कूली बच्चे मोटापे का शिकार
इंडियन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक सर्वेक्षण के मुताबिक, 14 फीसदी स्कूली बच्चे मोटापे का शिकार हैं. जंक फूड में जरूरी पोषण तत्वों की कमी से मोटापा बढ़ता है, कम उम्र में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा और लीवर और खाना पचाने वाले अन्य पाचन अंगों को जंक फूड को पचाने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा और हार्मोनल स्त्राव की आवश्यकता होती है, क्योंकि इन खाद्य पदार्थो में काबोर्हाइड्रेट और वसा की उच्च मात्रा होती है.
शहरी लाइफस्टाइल कम नींद का एक प्रमुख कारण
बदलती जीवन शैली और शहरी लाइफस्टाइल कम नींद का एक प्रमुख कारण है. काम का बोझ, शिक्षा का दबाव, रिश्तों में आती खटास, तनाव और अन्य समस्याओं के कारण लोगों को नींद नहीं आती है. युवा ज्यादातर समय मूवी देखने और रात में पार्टी करने में बिताते हैं.
विशेषज्ञ बताते हैं कि नींद की कमी से तनाव के हार्मोन रिलीज होते हैं. यह टेस्टोस्टेरोन कम करता है. कम नींद से हृदय रोग और मोटोपे बढ़ने का खतरा बना रहता है. कम नींद की वजह से शरीर को और भी ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है ऐसे में वसा का संचय होता है, जिससे मधुमेह यानी डायबीटिज का खतरा कई गुना तक बढ़ जाता है.
ये भी पढ़ें- OMG!’बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है’
योग, ध्यान और व्यायाम ये तीनो चीजें शरीर और शरीर से जुड़ी स्वास्थ्य समास्याओं से निजात पाने की संजीवनी हैं. ये सभी हमारे शरीर को ब्लड सकुर्लेशन को नॉर्मल (रक्त संचरण) और हार्मोन्स को बैलेंस करते हैं इसके साथ ही शारीरिक ऊर्जा और उसकी कार्य क्षमता को बनाए रखते हैं. शारीरिक व्यायाम करने के दौरान हमारे शरीर से वसा और कैलोरी बर्न होती है, जिससे शरीर को अधिक ऊर्जा मिलती है.