/तबाही मचानेवाले तूफान का नाम ‘गज’ कैसे पड़ा? कहां-कहां दिखेगा इसका असर?
तबाही मचानेवाले तूफान का नाम 'गज' कैसे पड़ा? कहां-कहां दिखेगा इसका असर?

तबाही मचानेवाले तूफान का नाम ‘गज’ कैसे पड़ा? कहां-कहां दिखेगा इसका असर?

तबाही मचानेवाले तूफान का नाम 'गज' कैसे पड़ा? कहां-कहां दिखेगा इसका असर?

दिल्ली। आशंका जताई जा रही है कि तमिलनाडु के तटीय इलाकों से चक्रवाती तूफान गज टकराएगा. मौसम विभाग के मुताबिक गज की वजह से कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है. इसलिए तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया है और ऐहतियातन दोनों प्रदेशों की स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई.

‘गज’ से निपटने को तैयार

चक्रवाती तूफान गज को देखते हुए मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी दी गई है. इधर प्रशासन ने तूफान से निपटने की सारी तैयारियां कर ली हैं. समुद्र के किनारे बसे लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है. आपको बता दें कि बंगाल की खाड़ी में गहरे दबाव का क्षेत्र बनने से चक्रवाती तूफान आने का खतरा मंडरा रहा है. आशंका जताई जा रही है कि गज तूफान गुरुवार देर रात से पहले पंबन और कुड्डालोर के बीच तमिलनाडु तट को पार कर जाएगा.

तमिलनाडु-पुड्डुचेरी पर असर

इसकी वजह से तमिलनाडु और पुड्डुचेरी सहित आंध्र प्रदेश में भी करीब 80-90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवात धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगा. इसके असर से 7 जिलों में मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी गई है. जिसमें कुड्डालोर, नागापट्टिनम, तिरुवरूर, थंजावुर, पुड्डुकोट्टाई, तूतिकोरिन और रामनाथपुरम शामिल है. पुड्डुचेरी और तमिलनाडु में प्रशासन को अलर्ट पर रका गया है. तमिलनाडु में एनडीआरएफ की 9 और पुड्डुचेरी में 2 टीम तैनात की गई है. पीने के पानी और राहत सामग्री स्टोर करने के आदेश दिए गए हैं.

संस्कृत के शब्द ‘गज’ से बना

‘गाजा’ तूफान का नाम संस्कृत के शब्द ‘गज’ से बना है, जिसका मतलब होता है हाथी. इस चक्रवाती तूफान का ये नाम श्रीलंका के वैज्ञानिकों ने दिया है. आपको बता दें कि श्रीलंका में हाथियों की अच्छी तादाद है और वहां उन्हें सम्मान के तौर पर देखा जाता है. श्रीलंका के रईस लोगों में इन दिनों हाथियों के बच्चे पालने का भी एक नया चलन शुरू हुआ है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इसी वजह से वैज्ञानिकों ने इस तूफान नाम ‘गज’ रखा है.