दिल्ली। दिल्ली की ‘शिल्पीकार’ के नाम मशहूर Sheila dikshit की Love story काफी दिलचस्प है. ये प्रेम कहानी आगे चल कर शादी में तब्दील हो गई. दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित पर दिल्लीवालों को नाज हो सकता है. हालांकि चौथी बार वो खुद चुनाव हार गईं. 2019 लोकसभा चुनाव में भी उन्हें कामयाबी नहीं मिली. मगर जिस मेट्रो पर दिल्लीवालों को फक्र होता है उसकी नींव शीला दीक्षित ने ही रखा था.
Sheila dikshit की Love story
Sheila dikshit ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस से एंसियंट हिस्ट्री से एमए की पढ़ाई की. इसी दौरान उनकी मुलाकात उनके क्लास में पढ़ने वाले विनोद दीक्षित से हुई. कांग्रेस के बड़े नेता उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे विनोद दीक्षित.
शीला ने अपनी लव स्टोरी के बारे में अपनी आत्मकथा CITIZEN DELHI: MY TIMES, MY LIFE में बताया है कि ‘विनोद अपने साथियों के बीच काफी पॉपुलर थे. वो अच्छे क्रिकेटर भी थे. पहली बार दोनों की अच्छी जान-पहचान तब हुई जब दोनों ने दोस्तों के प्रेम विवाद को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की. लेकिन इस विवाद को सुलझाते-सुलझाते दोनों के बीच प्यार हो गया. शुरुआत में Sheila dikshit को विनोद कुछ ज्यादा अच्छे नहीं लगे थे. विनोद का अखड़पन शीला को नहीं सुहाता था. जबकि विनोद शीला के पास आने का कोई भी मौका चूकना नहीं चाहते थे. आम तौर पर वो कोशिश करते थे कि वो शीला के आसपास ही रहें’.
DTC की बस में किया था प्रपोज
शीला और विनोद दोनों ही डीटीसी की 10 नंबर की बस से घर जाते थे. विनोद अक्सर शीला के साथ बस पर बैठ कर फिरोजशाह रोड जाया करते थे, ताकि वो उनके साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त गुजार सकें. अचानक एक दिन बस में घर जाने के दौरान चांदनी चौक के सामने विनोद ने Sheila dikshit को प्रपोज किया. उन्होंने कहा कि ‘मैं मां से कहने जा रहा हूं कि मुझे वो लड़की मिल गई है जिससे मुझे शादी करनी है. इस पर शीला ने विनोज से पूछा कि क्या तुमने लड़की से इस बारे में बात की है? तब विनोद ने कहा कि नहीं. लेकिन वो इस वक्त मेरे बगल में बैठी हुई है’.
अपनी आत्मकथा में Sheila dikshit ने कहा है कि ‘मैं ये सुनकर अवाक रह गई. उस समय तो कुछ नहीं बोली, लेकिन घर आ कर खुशी से खूब नाची. मैंने उस समय इस बारे में अपने माता-पिता को कुछ नहीं बताया. बताने पर वो जरूर पूछते कि लड़का क्या करता है? मैं उनसे क्या बताती की विनोद तो अभी पढ़ रहे हैं. दो साल बाद शीला और विनोद की शादी हो गई. शुरू में विनोद के परिवार में इसका विरोध हुआ क्योंकि शीला दीक्षित तब शीला कपूर थी और पंजाब से उनका रिश्ता था’. आगे चलकर विनोद ने आईएएस की परीक्षा दी और पूरे भारत में उनको नौंवा स्थान और उत्तर प्रदेश काडर मिला
‘एक लड़की भीगी-भीगी सी’
अपनी आत्मकथा में Sheila dikshit ने एक रोचक घटना का जिक्र किया है. उन्होंने बताया है कि ‘एक दिन लखनऊ से अलीगढ़ जाते समय विनोद की ट्रेन छूट गई. तब उन्होंने मुझसे गुजारिश की कि वो उन्हें ड्राइव कर कानपुर तक ले चलें. ताकि वो वहां से अपनी ट्रेन पकड़ सकें. इस बारे में शीला ने बताया कि मैं रात में ही भारी बारिश के बीच विनोद को अपनी कार में बैठा कर 80 किलोमीटर दूर तक कानपुर ले आई. वहां से उन्हें अलीगढ़ की ट्रेन मिल गई.
जब मैं (Sheila dikshit) स्टेशन के बाहर आई तो मुझे कानपुर की सड़कों का रास्ता नहीं मालूम था. उस वक्त रात के डेढ़ बजे थे. शीला ने कुछ लोगों से लखनऊ जाने का रास्ता पूछा, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया. इस दौरान सड़क पर खड़े कुछ मनचले उन्हें देख कर गायक किशोर कुमार का वो मशहूर गाना गाने लगे, ‘एक लड़की भीगी-भीगी सी.’
‘तब वहां के सिपाही आया और उन्हें थाने ले गया. वहां से Sheila dikshit ने एक परिचित एसपी को फोन किया. उन्होंने तुरंत दो पुलिस वालों को शीला के साथ कर दिया. शीला ने उन पुलिस वालों को कार की पिछली सीट पर बैठाया और खुद ड्राइव करती रहीं. सुबह 5 बजे वो लखनऊ पहुंचीं’. इससे पता चलता है शीला दीक्षित कितनी डेयरिंग नेचर की थीं.
ससुर से सीखे सियासत के गुर
आगे चलकर Sheila dikshit ने अपने ससुर उमाशंकर दीक्षित से सियासत के गुर सीखे, जो इंदिरा गांधी मंत्रिमंडल में गृह मंत्री थे. बाद में कर्नाटक और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी बने. शीला दीक्षित के पति की मौत ट्रेन के डिब्बे में हुई थी, जब वो बाथरूम गए थे. उन्हें हार्ट अटैक पड़ा था. परिवार में उनके एक बेटे पूर्व सांसद संदीप दीक्षित और एक बेटी लतिका दीक्षित हैं, जिन्हें उन्होंने अकेले बड़ा किया.