/करीब 200 पाकिस्तानी हिन्दू भारत आए, कहा- पाकिस्तान में रहना खतरे से कम नहीं
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करीब 200 पाकिस्तानी हिन्दू भारत आए, कहा- पाकिस्तान में रहना खतरे से कम नहीं

दिल्ली। 200 पाकिस्तानी हिन्दू (Hindu) भारत आए हैं। धार्मिक उत्पीड़न के चलते ज्यादातर लोग अब भारत से वापस नहीं लौटना चाहते हैं। नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर देश में हंगामा बरपा हुआ है। इस बीच अटारी-वाघा बॉर्डर के जरिए करीब 200 पाकिस्तानी हिन्दू भारत आए हैं।

Hindu भारत में ही रहना चाहते

भारत आने वाले हिन्दुओं (Hindu) में से अधिकतर कराची, सिंध इलाके के रहने वाले हैं। इनमें से कुछ लोग हरिद्वार जाकर गंगा स्नान करेंगे, तो कुछ लोग अपने रिश्तेदारों से मिलने राजस्थान जायेंगे। हिन्दू परिवारों ने पाकिस्तान में होने वाले जुल्म की बात कही और भारत में बसने की इच्छा जताई ।

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अकाली दल के नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा मैनेजमेंट कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने हिन्दू परिवारों (Hindu) का वाघा बॉर्डर पर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे और इन्हें भारतीय नागरिकता देने की अपील करेंगे।

पाकिस्तान में घट रही आबादी

मोदी सरकार ने नागिरकता संशोधन एक्ट के जरिए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों (Hindu) को नागरिकता देने का बिल पास कराया है। इसके बाद से पाकिस्तान से काफी तादाद में लोग भारत आ रहे हैं। पाकिस्तान कैसा मुल्क हैं? और वहां अल्पसंख्यकों (Hindu) के क्या हालात हैं ? यह शायद ही बताने की जरुरत पड़े। अगर आंकड़े देखे तो पाकिस्तान में लगातार अल्पसंख्यकों की आबादी घट रही है।

पाकिस्तान में महफूज नहीं समझते

1947 में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों (Hindu) की आबादी 23 प्रतिशत थी। वहीं, साल 2011 में 23 प्रतिशत से कम होकर 3.7 प्रतिशत रह गई। लाजमी है कि CAA के पास होने के बाद, पहले की तुलना में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भारत आयेंगे और यहां कि नागरिकता लेना चाहेंगे, क्योंकि वो (Hindu) वहां खुद को महफूज महसूस नहीं करते हैं।