इस मकर संक्रांति भी फंसेगी मोदी-राहुल की सियासी पेंच, पतंगों की लगी भरमार
मकर संक्रांति त्योहार को लेकर इस बार पतंगों की लड़ाई में कई राजनीतिक पतंग (Political Kites) भी नजर आ रहे हैं। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पतंग, शिवसेना की भगवा पतंग और मोदी और राहुल की किसमे कितना है, दम वाली पतंगे खास तौर पर दिखाई दे रही हैं।
किसमें कितना है दम?
सियासी गलियारों में होनेवाली जंग (Political Kites) अब त्योहारों में शामिल होती दिख रही है। पतंग की दुकानों में लटकी इन राजनेताओं की पतंगो को देखकर आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं। पतंग के शौकीन अपने चहेते नेता की तस्वीर छपी पतंग जमकर खरीद रहे हैं। ताकि वो उसे उड़ा सकें और आसमान में उड़ते प्रतिद्वंदियों की डोर काट कर खुश हो सकें।
आसमान में मकर संक्रांति त्योहार के मौके पर पतंगों की ये लड़ाई राजनीतिक पार्टियों (Political Kites) के बीच भी फैली है। बीजेपी का दावा है कि आसमान में सबसे ऊंची पतंग उनकी ही होगी। रही बात शिवसेना के मांजे की धार तो वो एक सीमित दायरे तक रहेगी।
शिवसेना के जवाबी पतंग
बीजेपी के इस हुंकार के बाद शिवसेना ने भी पलटवार (Political Kites) किया है। शिवसेना के मुताबिक बालासाहेब ठाकरे की वजह से ही नरेन्द्र मोदी बचे हुए हैं।
शिवसेना की मानें तो ठाकरे ने मोदी को नहीं बचाया होता तो वो आज प्रधानमंत्री नहीं होते। साथ ही शिवसेना ने ये दावा भी किया कि उनका मांजा खरा भी है और असली भी…जिसे कोई छू नहीं सकता।
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बाजारों में मिल रही इन राजनेताओं की पतंगों (Political Kites) को लेकर जानकार भी मानते हैं कि, व्यापार के साथ-साथ राजनीतिक पार्टियों और उनके नेताओ का फ्री में प्रचार…उनके लिए बोनस की तरह ही है।