दिल्ली। नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) और ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (ABSU) के सभी गुटों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दशकों से चली आ रही ब्रू रियांग जनजाति की समस्या सुलझाने के बाद, मोदी सरकार ने बोडोलैंड की मांग को खत्म करने वाला अहम समझौता किया। इसके तहत अब असम का विभाजन नहीं होगा। साथ ही हिंसा में शामिल रहे सभी बोडो उग्रवादी आत्मसमर्पण करेंगे ।
NDFB और ABSU से समझौता
गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में हुए इस समझौते के मुताबिक अब अलग बोडो लैंड की मांग नहीं होगी। नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) और ऑल बोडो स्टूडेंट्स यूनियन (ABSU) के सभी गुटों के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। ये समझौता पूर्वोत्तर में अलगाववाद को खत्म करने की कोशिश में बड़ी कामयाबी है। गृह मंत्री अमित शाह ने असम और बोडो के लिए इस संधि को एक स्वर्णिम दस्तावेज़ करार दिया है।
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