दिल्ली। दुर्गा पूजा में लालू के ‘लाल’ को ‘बिहारी बाबू’ से ‘विजयी भव’ का आशीर्वाद मिल गया. पटना का सबसे वीआईपी पूजा पंडाल डाकबंगाल चौराहे पर पूजा-अर्चना बाद उन्होंने लालू के छोटे ‘लाल’ के माथे पर ‘तिलक’ लगाया और तेजस्वी को ‘विजयी भव’ का आशीर्वाद दिया. इस दौरान शत्रुघ्न सिन्हा ने पुराने हिन्दी गीत की लाइनें ‘अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों’ भी गाई. अब शत्रुघ्न के इस ‘तिलक’ का चर्चा सियासी गलियारे में खूब हो रही है.
लालू के ‘लाल’ को ‘बिहारी बाबू’ से ‘विजयी भव’
पूरा देश दुर्गा पूजा की रंग में रंगा हुआ है. खासकर उत्तर भारत. जिस चीज में लोगों की भागीदारी होती है, उसमें सियासत अपने आप घुसपैठ बना लेती है. बिहार में इसका रंग कुछ ज्यादा देखने को मिलता है. वैसे भी बिहार के नेता राजनीतिक तौर कुछ ज्यादा मुखर होते हैं. देश में कोई भी घटना हो, बिहार के लोग अपनी राय जरूर रखते हैं. ऐसे में जब ‘बिहारी बाबू’ और लालू के ‘लाल’ एक साथ पटना के पंडालों के लिए निकले तो सबकी नजरें टीक गई. शत्रुघ्न सिन्हा भले ही 2014 में बीजेपी के सिंबल पर पटना साहिब से चुनाव जीते हों, मगर आजकल वो वफादारी आरजेडी के साथ दिखा रहे हैं. इसी कड़ी में वो डाकबंगला चौराहा पूजा पंडाल में लालू के ‘लाल’ को ‘बिहारी बाबू’ से ‘विजयी भव’ आशीर्वाद दिया.
रमजान में ‘राज्याभिषेक’ और दुर्गा पूजा में ‘तिलक’
गौरतलब हो कि कुछ दिनों पहले पटना साहिब से बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा चारा घोटाले में सजा काट रहे आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव से रांची में जाकर मुलाकात की थी. इसके बाद ये भी चर्चा चली थी कि आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने की स्थिति में शत्रुघ्न आरजेडी का दामन थाम सकते हैं. दुर्गा पूजा से पहले पिछले रमजान में तेजस्वी के आवास पर आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे. शत्रुघ्न ने इस मौके पर कहा था कि ”तेजस्वी युवा हैं और नेतृत्व के गुणों से संपन्न हैं. मेरी शुभकामनाएं और आशीर्वाद उनके साथ है. इसलिए उनका राज्याभिषेक किया है. उम्मीद है कि वो बिहार को आगे ले जाएंगे”. अब पटना के दुर्गा पंडाल में लालू के ‘लाल’ को ‘बिहारी बाबू’ से ‘विजयी भव’ आशीर्वाद देकर माहौल को और गर्म कर दिया.
‘शत्रुघ्न सिन्हा मेरे लिए अभिभावक की तरह’
इधर, लालू के ‘लाल’ को ‘बिहारी बाबू’ से ‘विजयी भव’ का तिलक मिलने पर तेजस्वी ने कहा कि ”शत्रुघ्न सिन्हा मेरे लिए अभिभावक की तरह हैं. वह मेरे पिता के पुराने दोस्त हैं. मैं उनके आशीर्वाद और मुझसे उनकी जो उम्मीदें लगी हुई है, उसके लिए अनुग्रहित हूं”. इसके बाद तेजस्वी और शत्रुघ्न सिन्हा डाकबंगला पूजा पंडाल से कुम्हरार के पूजा पंडाल गए जहां दोनों ने पूजा-अर्चना की.