दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में आज का दिन काफी बड़ा है. चनावी माहौल के बीच तीन अहम मुद्दों पर आज सुनवाई है. इसमें अयोध्या राम मंदिर विवाद, लड़ाकू विमान राफेल मुद्दा और जम्मू-कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 35ए पर भी सुनवाई हो सकती है. हालांकि अनुच्छेद 35ए को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है.
अयोध्या विवाद
राम मंदिर नाम से सियासत हिन्दुस्तान में 2 दशक से चल रहा है. बीजेपी के नेता हमेशा कहते रहे हैं कि अयोध्या में राम मंदिर बन कर रहेगा. 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में विवादित स्थल को सुन्नी वक्फ बोर्ड, रामलला विराजमान और निर्मोही अखाड़ा के बीच 3 बराबर-बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था. इस फैसले के खिलाफ अलग-अलग पक्ष सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) पहुंच गए. सुप्रीम कोर्ट ने 2011 में हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी.
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राफेल विवाद
राफेल डील पर जमकर सियासत भी जमकर हो रही है. फ्रांसीसी मीडिया की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि दसॉ एविएशन के पास रिलायंस डिफेंस से समझौता करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं था. 59 हजार करोड़ रुपए के 36 राफेल फाइटर प्लेन डील मामले में रिलायंस दसॉ के मुख्य ऑफसेट पार्टनर है. (Supreme court) हालांकि फ्रांस सरकार और दसॉ ने ओलांद के दावे को खारिज कर दिया था. समझौते के मुताबिक दसॉ को कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू का 50 फीसदी हिस्सा भारत को ऑफसेट या रीइंवेस्टमेंट के तौर पर देना था.
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राफेल विमान परमाणु मिसाइल डिलीवर करने में सक्षम है. दुनिया का सबसे सुविधाजनक हथियार को इस्तेमाल करने की क्षमता है. (Supreme court) इसमें 2 तरह की मिसाइलें हैं. एक 150 सौ किलोमीटर और दूसरी का करीब 300 किलोमीटर है. राफेल जैसा विमान चीन और पाकिस्तान के पास भी नहीं है.
35A विवाद
जम्मू-कश्मीर ने राज्य की नागरिकता को लेकर विशेषाधिकार देने वाले अनुच्छेद 35ए की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में आज सुनवाई हो सकती है. हाल में हुए पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवानों की शहादत के बाद अनुच्छेद 35ए और धारा 370 हटाने की मांग ने जोर पकड़ा है. इसे लेकर बयानबाजी भी हो रही है. जम्मू-कश्मीर के स्थानीय नेता 35ए हटाने की मांग को खारिज कर रहे हैं. इन सबके बीच जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कोर्ट (Supreme court) में सुनवाई से पहले अपना रूख साफ कर दिया है कि अनुच्छेद 35ए पर फैसला चुनी हुई सरकार ही लेगी.