दिल्ली। “मन में सोचे हुए कार्य को किसी के सामने प्रकट न करें, बल्कि मनन पूर्वक उसकी सुरक्षा करते हुए उसे कार्य में परिणत कर दें”.
(चाणक्य नीति- दूसरा अध्याय)
“यदि हम बड़ी संख्या में एकत्र हो जाएं तो दुश्मन को हरा सकते हैं. उसी प्रकार जैसे घास के तिनके एक-दूसरे के साथ रहने के कारण भारी बारिश में क्षय नहीं होते”.
(चाणक्य नीति- चौदहवां अध्याय)
आचार्य चाणक्य एक ऐसी महान विभूति थे जिन्होंने अपनी काबिलियत और क्षमता के बल पर भारतीय इतिहास की धारा बदल दी थी.
मौर्य साम्राज्य के संस्थापक चाणक्य कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ और प्रकांड अर्थशास्त्री थे.
अपनी सफलता की बदौलत उन्होंने बहुत ख्याति कमाया. जब-जब सियासत की बात होती है चाणक्य नीति की चर्चा जरूर होती है.
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राहुल ने सीखी बीजेपी से ‘हुनर’?
करीब 2400 साल पहले लिखी गई चाणक्य नीति को लगता है कांग्रेस वाले आज कल सिरियसली लेने लगे हैं. खासकर राहुल गांधी.
छोटी-छोटी जीत का जश्न से मन-मसोसने वाली कांग्रेस कर्नाटक में वो कर दिया, जिसका किसी को उम्मीद तक नहीं थी.
इसका नतीजा ये हुआ कि बीजेपी के बीएस येदियुरप्पा सीएम पद की शपथ तो लिए मगर सीएम की कुर्सी तक नहीं पहुंच पाए.
अंत में बाजी कांग्रेस के हाथ लगी. हालांकि बीजेपी से कुश्ती में कांग्रेस के हाथ से कुर्सी चली गई. मगर बीजेपी के रथ को उसने जरूर रोक दिया.
चार सालों से सरकार बनाने में डंका बजाने के बीजेपी के चाणक्य कांग्रेस की तेजी को भांप नहीं पाए. इसका नतीजा है कि महज 7 विधायक तक मैनेज नहीं कर पाए.
ऐसा लगा जैसे किसी ने मुंह से रोटी छिन ली. पिछले चार सालों से ये काम अमित शाह कर रहे थे. लगता है अब ये हुनर राहुल गांधी ने भी सीख लिया.
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राहुल का मोदी-शाह पर तीखा हमला
सत्ता की चाबी मिलने के बाद राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया बीजेपी, मोदी और आरएसएस पर तीखा हमला किया. राहुल गांधी ने मोदी को भ्रष्टाचारी कहा.
जबकि अमित शाह को हत्या का आरोपी कहकर संबोधित किया. राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी ने जनता के फैसले का अपमान किया. कर्नाटक, गोवा, मणिपुर इसके उदाहरण हैं.
You’ve seen openly how the PM directly authorized purchasing of MLAs in Karnataka, so the idea that PM spreads in the country that he is fighting corruption, is a blatant lie, he is corruption: Rahul Gandhi pic.twitter.com/ydsmBGd2x6
— ANI (@ANI) May 19, 2018
‘कांग्रेस-जेडीएस का अपवित्र गठबंधन’
कर्नाटक की सत्ता हाथ से फिसल जाने के बाद अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस-जेडीएस का अपवित्र गठबंधन है. इस तरह की सरकारे ज्यादा दिन नहीं चलती है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने विधायकों को तोड़ने या खरीदने की कोशिश नहीं की.
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