दिल्ली। अयोध्या में 25 नवंबर को होने वाली धर्म सभा को लेकर शहर में 1992 जैसी स्थिति बन रही है। बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों के लोगों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है। इस धर्म सभा का आयोजन विश्व हिंदू परिषद कर रही है।
अयोध्या में 25 नवंबर को धर्मसभा
लोगों की लगातार बढ़ती भीड़ को देखते हुए वहां के लोग भी सहमने लगे हैं। ऐसे में लोगों को आशंका है कि स्थिति बिगड़ सकती है। इसके मद्देनजर अभी से अतिरिक्त राशन लोग अपने घरों में जमा करने लगे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन अशंकाओं को देखते हुए शहर में सुरक्षा के इंतजामात भी चाक-चौबंद कर दिए गए हैं। जगह-जगह पर सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स, यूपी प्रोविंशियल आर्म्ड कॉन्स्टाबुलरी और पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवादित स्थल के आसपास यथास्थिति का किसी भी हालत में उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा।
धर्मसभा को लेकर चाक-चौबंद इंतजाम
वहीं, सुरक्षा के लिए वहां चप्पे-चप्पे पर पुलिस बलों की तैनाती की गई है। मीडिया से बात करते हुए फैजाबाद के डिविजनल कमिश्नर मनोज मिश्रा ने कहा कि सिर्फ दर्शन करने वालों को ही उस परिसर में जाने दिया जाएगा। लेकिन स्थानीय व्यापारियों को आशंका है कि धर्मसभा के जरिए कहीं छह दिसंबर 1992 जैसे हालात न दोबारा पनप जाएंगे। यही कारण है कि उन्होंने विहिप की इस सभा का विरोध करने का निर्णय लिया है। वे महाराष्ट्र से आ रहे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को काला झंडा दिखा कर विरोध जताएंगे।
‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे’
वहीं, गुरुवार को बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने शहर में जुलूस निकाला था, जो घटना के दौरान जोर-जोर से रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे के नारे लगा रहे थे। यह जुलूस मुस्लिम बहुल इलाकों से होते हुए निकला था। खबरों के मुताबिक अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद धर्मसभा के लिए पूरे यूपी से करीब 2000 बसों से रामभक्तों को अयोध्या लेकर आएगा। इसके साथ ही 4000 चार पहिया वाहन से भी रामभक्त धर्मसभा के लिए आएंगे।
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