/बुलंदशहर हिंसा: सिर्फ इंस्पेक्टर सुबोध ही नहीं, भीड़ ने यूपी में इन पुलिस अफसरों की भी ली है जान
बुलंदशहर हिंसा: सिर्फ इंस्पेक्टर सुबोध ही नहीं

बुलंदशहर हिंसा: सिर्फ इंस्पेक्टर सुबोध ही नहीं, भीड़ ने यूपी में इन पुलिस अफसरों की भी ली है जान

बुलंदशहर हिंसा: सिर्फ इंस्पेक्टर सुबोध ही नहीं, भीड़ ने यूपी में इन पुलिस अफसरों की भी ली है जान

दिल्ली। यूपी में भीड़ के द्वारा कानून हाथ में लेना कोई नई बात नहीं है। उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ सालों में हिंसक भीड़ ने कई पुलिस अफसरों की जान ली है। ताजा मामला यूपी के बुलंदशहर (Bulandshahr) की है। जहां गोकशी की शिकायत के बाद भीड़ हिंसक हो गई और थाने पर हमला कर दिया। इस दौरान भीड़ ने पुलिस की कई गाड़ियों को फूंक दिया। इसके साथ ही इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की जान ले ली।

सुबोध के सिर में मारी गोली

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार भीड़ ने पहले उन्हें पीटा और फिर उनके सिर में गोली मार दी। जिसके बाद अस्पताल जाने से पहले ही उनकी मौत हो गई। भीड़ के उग्र रूप को देखते हुए पुलिस के जवान भी अपने अफसर को भीड़ से बचा नहीं पाए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सोमवार को बुलंदशहर (Bulandshahr) के महाव गांव में गोकशी की सूचना मिलने पर स्याना थाने के इंचार्ज सुबोध कुमार सिंह अपने साथ करीब 9 लोगों की टीम लेकर मौके पर पहुंचे। बुलंदशहर (Bulandshahr) के महाव में गोकशी के शक में भीड़ जमा थी।

खबरों के अनुसार इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ने बुलंदशहर (Bulandshahr) के महाव में समझाने की कोशिश की लेकिन भीड़ नहीं मानी और पुलिस पर हमला कर दिया। पुलिस के वाहनों में आग लगा दी। सुबोध के पिस्टल और मोबाइल भी उनलोगों ने लूट लिए। बाद में उन्हें गोली मार दी, जिससे उनके मौत हो गई।

मथुरा में भी ‘बुलंदशहर कांड’

बुलंदशहर हिंसा: सिर्फ इंस्पेक्टर सुबोध ही नहीं

बुलंदशहर (Bulandshahr) की घटना से पहले जून 2016 में मथुरा में ही भीड़ के शिकार दो पुलिस अफसर बने थे। एक संगठन के लोग शहर में हजारों की संख्या में अतिक्रमण कर रहे थे। कोर्ट के आदेश के मथुरा के तत्कालीन सिटी एसपी मुकुल द्विवेदी दल-बल के साथ जगह को खाली कराने पहुंचे थे। तभी अतिक्रमणकारियों ने हमला कर दिया। जिसमें एसपी सिटी और एक एसचओ की मौत हो गई। उस वक्त यह मामला पूरे देश में छाया हुआ था।

प्रतापगढ़ में भी हुई थी हत्या

इससे पहले भी यूपी के प्रतापगढ़ जिले में ग्राम प्रधान और उसके भाई की हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद कुंडा के डीएसपी जिया उल हक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे। अचानक वह भीड़ जमा होने लगी और उग्र भीड़ ने पुलिस पर हमला बोल दिया। हमलावरों ने पुलिस को घेर लिया। इसी बीच किसी ने डीएसपी जिया उल हक को गोली मार दी।