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बिहारियों पर बयान देकर फंसे कमलनाथ, बिहार में मामला दर्ज

बिहारियों पर बयान देकर फंसे कमलनाथ, बिहार में मामला दर्ज

पटना. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) के खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर और बेतिया की अदालत में बुधवार को अलग-अलग परिवाद पत्र दाखिल किए गए. यह परिवाद पत्र कमलनाथ के उस बयान के विरोध में दायर किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग नौकरियां पा लेते हैं और मध्य प्रदेश के नौजवान रोजगार से वंचित रह जाते हैं.

बिहार के पश्चिमी चंपारण के बेतिया व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मत्युजय सिंह की अदालत में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath)के खिलाफ अधिवक्ता मुराद अली ने एक परिवाद पत्र दायर किया है. परिवाद पत्र में उन्होंने कहा है कि उन्हें अखबार के जरिए जानकारी मिली कि मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath)ने बयान दिया है कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों की वजह से मध्यप्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर कम हो गए हैं. इस बयान से उनकी भावना को काफी ठेस पहुंची है.

शपथ का उल्लंघन

अधिवक्ता मुराद अली ने बताया कि कमलनाथ (Kamalnath) के खिलाफ परिवाद पत्र में भादवि की धारा 124-ए, 153 ए, 153 बी, 181 तथा 504 के तहत आरोप लगाए गए हैं. परिवाद में कहा गया है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 17 दिसंबर को शपथ ग्रहण के बाद से ऐसा बयान देकर उस शपथ का उल्लंघन किया है, जिसमें उन्होंने ‘देश की एकता, अखंडता’ का वचन लिया था. अली ने बताया कि उनके परिवाद पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने मामले को न्यायिक दंडाधिकारी मानस कुमार की अदालत में स्थानान्तरित कर दिया है, जिस पर अगली सुनवाई तीन फरवरी को होगी.

बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों का अपमान

इस बीच, मुजफ्फरपुर व्यवहार न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती कुमारी की भी अदालत में अहियापुर के निवासी सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने एक परिवाद पत्र दायर किया है. हाशमी ने परिवाद पत्र में आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) के बयान से बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों का जहां अपमान हुआ है, वहीं यह बयान देश को तोड़ने वाला भी है.

मुजफ्फरपुर में भी शिकायत दर्ज

परिवाद पत्र में कमलनाथ के बयान को बिहार की प्रतिभाओं को अपमानित करने वाला बताते हुए अदालत से मुख्यमंत्री पर कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है. हाशमी ने बताया कि अदालत ने परिवाद पत्र को स्वीकार करते हुए इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 22 दिसंबर को होगी.

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उल्लेखनीय है कि कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद सोमवार को अपने पहले संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि मध्य प्रदेश में ऐसे उद्योगों को ही सरकार की तरफ से वित्तीय और अन्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा, जिसमें 70 प्रतिशत रोजगार मध्य प्रदेश के लोगों को दिया जाएगा.

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कमलनाथ ने कहा था कि मध्य प्रदेश में बहुत से ऐसे उद्योग लग जाते हैं, जिसमें अन्य राज्यों से लोग आकर नौकरियां पा लेते हैं, उत्तर प्रदेश और बिहार से. हालांकि मैं उनकी आलोचना करना नहीं चाहता, परंतु मध्य प्रदेश के नौजवान इसके कारण रोजगार पाने से वंचित रह जाते हैं.