दिल्ली। चाइनीज ‘पाप’ (Corona Chronology) की वजह से पूरी दुनिया खतरे में है. पूरी की पूरी मानव सभ्यता दांव पर है. विश्व, देश, राज्य, जिला, प्रखंड, शहर, गांव और परिवार सब के सब मुसीबत में है. 23 हजार से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं. 5 लाख से ज्यादा कोरोना के जद में हैं. भारत में सवा सात सौ से ज्यादा शिकंजे में हैं, 17 परिवारों में मातम है. ये सबकुछ सिर्फ और सिर्फ चीन की गलतियों की वजह से है.
Corona Chronology और चाइनीज ‘पाप’
कोरोना को ‘चाइनीज वायरस’ और ‘वुहान वायरस’ कहने से चीन को आपत्ति है. अमेरिका के बातों को दुनिया न दुहराए इसके लिए लॉबिंग में जुटा है. दुनिया से युद्ध स्तर पर लड़ने की अपील कर रहा है. जबकि सच्चाई है कि यह बीमारी चीन के हुबेई प्रांत के वुहान शहर से शुरू हुई और फिर पूरी दुनिया को अपने चपेट में ले लिया.
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खास बात ये है कि जिस वायरस (Corona Chronology) ने पूरी दुनिया को नाप दिया वो बीजिंग और शंघाई तक नहीं पहुंच पाया. आने वाले समय में ये रिसर्च का विषय हो सकता है. शायद यही वजह है कि चीन पर पूरी दुनिया शक करती है. चीन की ‘पाप’ की वजह से पूरी दुनिया तबाही के कागार पर है. अर्थव्यवस्था बर्बादी की राह पर है. करोड़ों लोगों की रोजी-रोटी दांव पर है. आने वाले दिनों में हालात नहीं संभले तो भूखे मरने की नौबत आ जाएगी.
चाइनीज ‘पाप’ की शुरुआत कहां से हुई?
इस बर्बादी की शुरुआत कैसे हुई ये जानना बेहद जरूरी है. अगर शुरू में ही इसे कंट्रोल (Corona Chronology) कर लिया जाता तो आसानी से काबू पाया जा सकता था. दुनिया के दूसरे कोने में ये वायरस नहीं पहुंचता. अगर चीन की शासन प्रणाली पारदर्शी होता तो दुनिया को इसके बारे में जानकारी मिल जाती.
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इसका फैलाव नहीं हो पाता. यह वायरस सीवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स) के संक्रमण की तरह है. अमेरिकन मैगजीन नेशनल रिव्यू में प्रकाशित हुई एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ये बीमारी पिछले साल चीन के हुबेई प्रांत के सीफूड मार्केट से शुरू हुई थी.
Corona Chronology का पहला मामला
कोरोना वायरस जानवर की एक नस्ल से मनुष्य में आया और अब घातक बीमारी बन चुका है. सबसे पहले इसकी पुष्टि 1 दिसंबर को वुहान में एक मरीज के अंदर हुई थी. पांच दिन बाद उस बीमार शख्स की कभी बाजार न जाने वाली 53 साल की पत्नी को भी न्यूमोनिया हो गया. यह इस बीमारी (Corona Chronology) का आम लक्षण है और उन्हें अस्पताल में भर्ती करके आइसोलेशन वार्ड में रखा गया.
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इसके बाद दिसंबर के दूसरे सप्ताह में वुहान में नए मामले सामने आए. जिसने साफ इशारा किया कि वायरस एक इंसान से दूसरे में फैल रहा है. 25 दिसंबर चीन में दो अस्पतालों के मेडिकल स्टाफ इस वायरस से संक्रमित हो गए और उन्हें क्वारांटाइन (एकांतवास) किया गया. इसके बाद वुहान में इंफेक्टेड (Corona Chronology) लोगों की बाढ़-सी आ गई.
बीमारी बताने वाले डॉक्टर को प्रताड़ित किया
वुहान के अस्पताल में काम करने डॉक्टर ली वेनलियांग ने डॉक्टरों के एक समूह को बीमारी के संभावित प्रकोप के बारे में चेतावनी दी. उन्होंने अनुरोध किया कि वे संक्रमण के खिलाफ सुरक्षात्मक उपाय करें. हालांकि बाद में डॉक्टर वेनलियांग की मौत भी कोरोना से ही हो गई.
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मगर 31 दिसंबर को वुहान के हेल्थ डिपार्टमेंट ने डॉक्टर वेनिलियांग के दावों को खारिज कर दिया. वेनलियांग के खिलाफ अफवाह फैलाने के आरोप लगाए और पुलिस ने उन्हें प्रताड़ित किया. गैरकानूनी काम करने का इल्जाम लगाया. मगर वायरस (Corona Chronology) फैलने का मामला नहीं रूका.
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सरकारी नियंत्रण वाले समाचार पत्रों को आदेश जारी किया गया कि वो अज्ञात बीमारी जुड़ी खबर न छापे. नई बीमारी से जुड़े नमूनों को नष्ट करा दिया गया. वुहान नगर स्वास्थ्य आयोग ने एक बयान जारी कर कहा कि शुरुआती जांच में मानव से मानव में बीमारी के फैलने के कोई सबूत नहीं मिला और कोई मेडिकल स्टाफ संक्रमित नहीं है.
जिनसे कोरोना की शुरुआत हुई, उनकी मौत
कोरोना से पहली मौत की खबर भी वुहान से ही आई. 1 दिसंबर को 61 साल के जिस शख्स को अस्पताल में भर्ती कराया गया तो 11 जनवरी को उनकी मौत हो गई. उस दिन भी चीन ने नहीं माना कि ये बीमारी (Corona Chronology) मानव से मानव में फैल रही है. बार-बार चीन इसे झुठलाता रहा.
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