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खुलने लगी चीन की पोल-पट्टी, वुहान में जमा कर रखे थे 1,500 से ज्यादा वायरस स्ट्रेन

दिल्ली। कोरोना वायरस (COVID) की वजह से चीन को दुनियाभर में आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. अमेरिका ने कोरोना को कभी ‘चाइनीज वायरस’ तो कभी ‘वुहान वायरस’ बता डाला. अब चीन पर ताजा हमला भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने किया है.

COVID: साजिश का आरोप

पिछले साल नवंबर से शुरू हुआ कोरोना (COVID) का कहर चीन से होते हुए पूरी दुनिया में फैल गया है. 22 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले ली है. करीब 5 लाख लोग इसके जद में हैं. चीन पर कई तरह के आरोप लग रहा है. ताजा आरोप बीजेपी से राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने लगाया है. उन्होंने चीन के सरकारी अखबार के ट्वीट का स्क्रीन शॉट शेयर किया है जिसमें कहा गया है कि चीन के हुबेई में 1500 से ज्यादा वायरस स्ट्रेन एक वायरस बैंक में रखे गए थे.

राकेश सिन्हा ने चीन पर कोरोना (COVID) आफत पैदा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि चीन ने दुनिया को संकट में डाला है. उन्होंने ट्वीट किया कि ‘जिस डॉक्टर ने कोरोना के बारे में देश-दुनिया को सबसे पहले उसे मार डाला. राक्षसी तरीके से कोरोना को कथित रूप से नियंत्रित किया और अब दुनियाभर, जिसमें भारत अपवाद नहीं है, चीन की ‘कृतज्ञता’ से दबे लोग उसकी इमेज ठीक करने में लगे हैं’.

हुवेई में वायरस स्ट्रेन रखने की बात

राकेश सिन्हा ने जो स्क्रीन शॉट शेयर किया उसमें कहा गया है कि चीन के हुवेई में 1500 से ज्यादा वायरस स्ट्रेन रखे गए थे. चीन पर पहले भी आरोप लगते रहे हैं कि उसने इन्फेक्शन (COVID) की जानकारी दबाने की कोशिश की. खासकर, सबसे पहले इसकी सूचना देने वाले डॉक्टर वेनियांग की मौत के बाद चीन सवालों के घेरे में खड़ा नजर आया. कोरोना की शुरुआत हुबेई प्रांत के वुहान शहर से हुई थी. चीन में कुल 81 हजार 285 पॉजिटिव मामले आए हैं. यहां पर 3 हजार 287 लोगों की मौत हुई. हालांकि दुनिया के कई हिस्से में चीन के डेटा पर शंका जाहिर किया गया है.

चाइनीज और वुहान वायरस कहने से नाराज

अमेरिका शुरू से ही चीन को इस आपदा के लिए घेरता नजर आया है. डोनाल्ड ट्रंप ने पहले कोरोना (COVID) को ‘चाइनीज वायरस’ बताया था. सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पॉम्पियो ने इसे ‘वुहान वायरस’ का नाम दे दिया. उनके जी-7 सम्मेलन के दौरान भी इसे ‘वुहान वायरस’ कहे जाने पर चीन ने नाराजगी जाहिर की थी. ट्रंप ने यहां तक कहा था कि चीन ने कोरोना वायरस को रहस्य की तरह रखा है. उन्होंने बहुत छिपाया है और यह दुर्भाग्यपूर्ण है.

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चीन अपनी बदनामी की दाग को कम करने के लिए लॉबिंग में लगा है. तीन दिन पहले ही भारत के विदेश मंत्री डॉक्टर एस. जयशंकर से उनके चीनी समकक्ष वॉन्ग यी ने बात की थी और कोरोना वायरस (COVID) को ‘चीनी वायरस’ कहे जाने का विरोध करने की मांग की थी. भारत में चीन के राजदूत ने इस बारे में कहा था कि जयशंकर ने इस बात पर रजामंदी भी दी. गुरुवार को हुए जी-20 देशों की बैठक में इस बात पर चर्चा से बचा गया कि यह वायरस कहां से पैदा हुआ. बल्कि इससे बचने के उपायों पर ज्यादा बात हुई.