दिल्ली। जैसे-जैसे मतदान की तारीख (Delhi Election) नजदीक आ रही है, नेताओं की बदजुबानी बढ़ती जा रही है। चुनाव आयोग ने भड़काऊ बयान देने वाले बीजेपी के दो नेताओं अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के चुनाव प्रचार पर रोक लगाई है। लेकिन सवाल ये है कि क्या प्रचार पर रोक से नेताओं में बदलाव आ जाएगा?
Delhi Election में प्रचार पर रोक
अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा, ये वो चेहरे हैं जो दिल्ली चुनाव में प्रचार के दौरान (Delhi Election) अपनी भड़काऊ बयानबाजी के बाद चुनाव आयोग के निशाने पर आए। चुनाव आयोग ने गोली मारो के नारे लगवाने वाले, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के चुनाव प्रचार पर 72 घंटे की रोक लगाई है।
अरविंद केजरीवाल के सवाल
वहीं, दिल्ली के सीएम को आतंकवादी कहने वाले बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के चुनाव प्रचार (Delhi Election) पर भी 96 घंटे की रोक लगी है। प्रवेश वर्मा ने अरविंद केजरीवाल को आतंकवादी कहा। अब केजरीवाल पूछ रहे हैं कि क्या 5 साल तक जनता की सेवा करना आतंकवाद है?
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चुनाव आयोग (Delhi Election) ने तो अपनी कार्रवाई कर दी है, लेकिन आयोग की सख्ती से क्या नेताओं की बदजुबानी बंद हो जाएगी? ये कहना फिलहाल मुश्किल है क्योंकि प्रवेश वर्मा पहले ही कह चुके हैं कि वो अपना अंदाज नहीं बदलेंगे। आम आदमी चाहती है कि इन नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
भड़काऊ बयान पर एडवाइजरी
चुनाव आयोग (Delhi Election) ने अपनी तरफ से दिल्ली चुनाव की भड़काऊ बयानबाजी को लेकर एडवाइजरी भी जारी की है। आयोग ने मतदाताओं के सामने जनसभाओं में जाति और सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने वाली अपील नहीं करने को कहा है। साथ ही निजी तौर पर किसी के खिलाफ बयान न देने का आदेश जारी किया गया है।
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