मोदी सरकार का छोटे कारोबारियों पर बड़ा दांव, GST में छूट का दिया फायदा
जीएसटी (GST) काउंसिल की 32वीं बैठक में चुनावी साल में सरकार ने छोटे कारोबारियों को साधने की बड़ी कोशिश की है। मोदी सरकार ने जीएसटी (GST rebate) में छूट सीमा 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख कर दिया है।
इससे 10 लाख छोटे कारोबारी कर दायरे से बाहर हो जाएंगे। यानी 40 लाख तक के टर्नओवर तक के कारोबारियों को जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी नहीं होगा। पिछले ही हफ्ते मंत्रियों के समूह ने जीएसटी (GST rebate) रजिस्ट्रेशन का दायरा बढ़ाने को लेकर सहमति जताई थी।
छोटे कारोबारियों पर बड़ा दांव
जीएसटी (GST) काउंसिल की बैठक में कंपोजिशन स्कीम की सीमा एक करोड़ से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपए तक करने को मंजूरी दे दी गई है। यह सीमा 1 अप्रैल 2019 से लागू होगी अरुण जेटली ने कहा कि पुरानी एक्साइज टीम ने भी डेढ़ करोड़ रुपए तक की छूट थी।
इससे (GST rebate) तकरीबन 20 लाख छोटे कारोबारियों को फायदा होगा। जो भी लोग कंपोजिशन स्कीम के दायरे में आएंगे उन्हें टैक्स तिमाही देना होगा लेकिन रिटर्न साल में एक बार भरना होगा।
सर्विस सेक्टर के लिए बड़ा फैसला
GST काउंसिल ने फैसला किया कि जो भी कंपनियां गुड्स बेचने के साथ-साथ सेवाएं भी देती हैं उन्हें छूट दी जाएगी। 50 लाख टर्नओवर तक वाली कंपनियों को सिर्फ 6% जीएसटी (GST rebate) ही देना होगा। इस दायरे में प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन जैसी सेवाएं आएंगी।
चर्चा के बाद टले फैसले
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हालांकि इस बैठक में रियल एस्टेट और लॉटरी जैसे मुद्दों को मंत्रियों के समूह को सौंप दिया गया है। अगली बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा के बाद फैसला लिया जा सकता है