दिल्ली। कर्नाटक के मुख्यमंत्री के तौर पर कुमारस्वामी ने वहां के राजनीतिक ड्रामे के बाद शपथ ले ली है। कांग्रेस की मदद से फ्लोर टेस्ट भी पास कर गए हैं। लेकिन उनकी राह में अभी बहुत रोड़े हैं।
कुमारस्वामी ने अभी तक कैबिनेट का विस्तार नहीं किया है। मंत्रालय के बंटवारे को लेकर ही शुरुआत में कांग्रेस से खटपट की खबरें आने लगी हैं।
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जेडीएस-कांग्रेस में मंत्री पद को लेकर रस्साकस्सी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस और जेडीएस के बीच मंत्री पद को लेकर रस्सा-कस्सी जारी है। मीडिया से बात करते हुए कुमारस्वामी ने भी स्वीकार किया है कि मंत्रालय को लेकर दोनों दलों के बीच कुछ मतभेद है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है कि जिससे सरकार को खतरा हो।
दरअसल, राज्य स्तर पर विवाद नहीं सुलझता देख प्रदेश कांग्रेस के नेता पार्टी आलाकमान के साथ कैबिनेट विस्तार और प्रभार आवंटन के मुद्दों पर चर्चा के लिए शनिवार को दिल्ली रवाना हो गए है।
जिसमें उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर, पूर्व सीएम सिद्धरमैया और डी के शिवकुमार सहित कई नेता राहुल से मिल इन बातों पर चर्चा करेंगे।
कांग्रेस आलाकमान की मंजूरी के बाद कैबिनेट विस्तार
वहीं, कुमारस्वामी ने कहा कि उनकी पार्टी और गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस के बीच विभागों के आवंटन को लेकर कुछ मतभेद हैं। मैं इसे प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाने की कोशिश नहीं करूंगा और समस्या को हल करने का प्रयास करूंगा। राज्य के कांग्रेस नेताओं को कांग्रेस आलाकमान की मंजूरी के बाद ही कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा।
स्वामी ने कहा कि यह पहले ही तय कर लिया गया है कि कांग्रेस के 22 और जेडीएस के 12 मंत्री सरकार में होंगे। हालांकि कहा यह भी जा रहा है कि कुमारस्वामी के बहुमत साबित करने के बाद ही कैबिनेट विस्तार के मुद्दे पर दोनों दलों में खींचतान शुरू हो गई थी।