दिल्ली। बीजेपी से गठबंधन खत्म होने के बाद बुधवार को पीडीपी ने जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से सरकार बनाने की कोशिश की। लेकिन इन कोशिशों को उस वक्त झटका लग गया जब राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन से सरकार बनाने संबंधी पत्र को पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने राजभवन को फैक्स से भेजने की कोशिश की।
56 विधायकों के समर्थन का दावा
2 घंटे के प्रयास के बाद भी वह कामयाब नहीं हो पाईं। इसके बाद सरकार बनाने वाली चिट्ठी उन्होंने पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट की फिर राजभवन को ई-मेल के जरिए पत्र भेजा। इस बीच गवर्नर ने विधानसभा भंग कर दी। इस ऐलान के साथ ही घाटी में सरकार बनाने की संभावना खत्म हो गई।
बुधवार को जम्मू-कश्मीर में खूब सियासी हलचल रहा। इस दौरान महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस के बीच बैठकों का दौर जारी रहा। जिसके बाद शाम में महबूबा ने पीडीपी के 29, एनसी के 15 और कांग्रेस के 12 विधायकों को मिलाकर 56 विधायकों का समर्थन हासिल होने का दावा करते हुए सरकार बनाने की पेशकश की।
फैक्स के चक्कर में फंसा पेंच
सबकुछ एक फैक्स के चक्कर में पेंच फंस गया। फिर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के ट्वीट कर कहा कि उन्होंने सरकार बनाने के दावे संबंधी पत्र को 2 घंटे तक फैक्स करने की कोशिश की, लेकिन फैक्स नहीं हो पाया। इसके बाद उन्होंने राजभवन को फोन करने की भी कोशिश की लेकिन इसमें भी असफल रहीं। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल को टैग करते हुए एक चिट्ठी ट्विट कर दी ताकि वह इसे औपचारिक दावा मान लें। उसके बाद घटना पर चुटकी लेते हुए राज्य के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि जम्मू-कश्मीर के राजभवन को तुरंत एक नई फैक्स मशीन की जरूरत है।
…और विधानसभा भंग
लेकिन तमाम कोशिशें नाकाम रहने के बाद राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी। उसके बाद राजभवन के जनसंपर्क विभाग ने अपने ट्विटर हैंडल से राज्यपाल के आदेश की प्रति ट्वीट की जिसके ऊपर लिखा हुआ फैक्स नंबर साफ देखा जा सकता है।
उसके बाद महबूबा ने ट्वीट की कि आज के तकनीकी दौर में, यह बहुत अजीब है कि माननीय राज्यपाल के निवास की फैक्स मशीन ने हमारा फैक्स प्राप्त नहीं किया लेकिन विधानसभा भंग करने का आदेश तेजी से जारी हो गया।