कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (mamta didi) धरने पर बैठी हैं। वहीं, संसद में विपक्ष और सरकार आमने सामने है।
कोलकाता पुलिस कमिश्नर से सीबीआई की पूछताछ को तृणमूल कांग्रेस सियासी रंग देने में जुटी है। इस बीच सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं जहां कल इस मामले पर अहम सुनवाई होनी है।
दीदी का धरना क्यों?
सवाल कई हैं। क्या सीबीआई की पूछताछ वाकई सांप-सीढ़ी की तरह है? या कमिश्नर से पूछताछ पर विरोध कर दीदी (mamta didi) की अपने मन की बात करना चाहती हैं? क्या सच में संघीय ढांचा टूटा है या फिर ये ममता बनर्जी की चुनावी जोड़-तोड़ है? आखिर क्या है ममता के ‘मन की बात’?
कोलकाता और दिल्ली में आज हंगामे के तार से एक दूसरे से जुड़े रहे। एक तरफ दीदी की दादागीरी और विपक्ष का केंद्र पर CBI के दुरुपयोग का आरोप।
तो दूसरी तरफ गृहमंत्री राजनाथ सिंह का कोलकाता के हाईवोल्टेज ड्रामे को संघीय ढांचे पर खतरा बताया जाना। सबकुछ पूरे उफान पर दिखा।
ममता जी बंगाल में भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता से घबरा गई हैं। जानबूझ कर प्रधानमंत्री जी की रैली के लिए छोटा सा ग्राउंड दिया। हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष जी और योगी जी के हैलिकॉप्टर को लैंडिंग होने नहीं दी।
इन सब के बावजूद वहां बदलाव की बयार बह रही है: श्री @rsprasad #MamataFreeBengal pic.twitter.com/uc86WXAaHo
— BJP (@BJP4India) February 4, 2019
हंगामा है क्यों बरपा?
हालांकि जिस मुद्दे पर बंगाल से लेकर दिल्ली तक सियासी तूफान खड़ा हो गया है…दरसअल वो पूरा मामला शारदा चिटफंड घोटाले से जुड़ा है। दरअसल, घोटाले की जांच के लिए रविवार को सीबीआई की टीम कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के घर छापा मारने पहुंची थी।
लेकिन सीबीआई के अफसरों को कोलकाता की पुलिस ने हिरासत में ले लिया। और इसके बाद, संघीय ढांचे को बचाने की बात कह सीएम ममता बनर्जी (mamta didi) मोदी सरकार के विरोध में धरने पर बैठ गईं। हालांकि सीबीआई और संघीय ढांचे पर संविधान क्या कहता है अब ये भी जानना जरूरी है।
CBI की सांप-सीढ़ी और संविधान
संविधान के अनुच्छेद 1 के मुताबिक भारत एक संघीय राज्य है। इसमें केंद्र और राज्य के बीच शक्तियों को स्पष्ट किया गया है। साथ ही, दिल्ली विशेष पुलिस एक्ट के तहत सीबीआई का गठन हुआ है।
इसके तहत राज्य की अनुमति के बिना CBI खुद से किसी राज्य में जांच नहीं कर सकती। लेकिन राज्य की मनाही पर सीबीआई कोर्ट से इजाजत लेकर जांच कर सकती है।
वहीं, पश्चिम बंगाल ने सीबीआई को बैन कर रखा है। ऐसे में जब CBI कोलकाता के पुलिस कमिश्नर के घर जांच के लिए पहुंची तो बवाल खड़ा हो गया। जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और इसपर मंगलवार को अहम सुनवाई होनी है।
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कल सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
अब मामले को तूल देकर धरने पर बैठी ममता दीदी (mamta didi) बंगाल के लोगों के मन की बात कर रही हैं..? या आम चुनाव से ठीक पहले अपनी राजनीति चमकाने के लिए सियासी बिसात बिछा रही हैं?
ये सबकुछ कल स्पष्ट हो जाएगा। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट कल इस मामले पर सुनवाई करेगा कि बंगाल में दीदी की दादागीरी या सीबीआई की सांप-सीढ़ी?