दिल्ली। राजस्थान में मोदी की चेतावनी और पिछले 24 घंटे में घाटी के बदले हालात ने पाकिस्तान की धड़कनें तेज कर दी है. 100 अतिरिक्त पैरामिलिट्री कंपनियों के कश्मीर (Kashmir) भेजे जाने की खबर जैसे ही पाकिस्तान तक पहुंची, इस्लामाबाद में खलबली मच गई. बॉर्डर और भारत सरकार के हर एक्शन पर नजर रखने के लिए पाकिस्तान में स्पेशल सेल बनाई गई, जो चौबीसों घंटे अपडेट सरकार को देती रहेगी.
क्राइसिस मैनेजमेंट सेल
पाकिस्तान विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि क्राइसिंस मैनेजमेंट सेल बॉर्डर (kashmir) के हालात की पल-पल की जानकारी सभी संबंधित विभागों और कूटनीतिक कॉनटैक्ट्स को मुहैया कराती रहेगी. चौबीसों घंटे और सातों दिन बिना रुके ये काम करती रहेगी. इससे एक दिन पहले ही पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने नियंत्रण रेखा का दौरा किया था. पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के लोगों को पाकिस्तान ने पहले से ही अलर्ट पर रखा है. दरअसल पाकिस्तान को डर है कि उड़ी हमले (kashmir) के बाद 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक की तरह भारत अगले कुछ दिनों में कोई बड़ी कार्रवाई कर सकता है.
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गिड़गिड़ा रहा पाकिस्तान
पाक मीडिया में भी कहा जा रहा है कि पुलवामा (kashmir) हमले के बाद कश्मीर में बड़े पैमाने पर भारतीय सुरक्षाबलों की तैनाती की जा रही है. पाकिस्तान अब पड़ोसी देशों से फोन पर गिड़गिड़ा रहा है कि किसी तरह भारत से उसे बचा लिया जाए. पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने नेपाल के समेत कई देशों के नेताओं से फोन पर बात की. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी को मनाने के लिए पाकिस्तान अब हाथ पैर मार रहा है. पहले तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जवाबी कार्रवाई (kashmir) की बात कही थी मगर उनको लगा कि क्रिकेट की कप्तानी करने और देश चलाने में बहुत अंतर है तो अब वो कूटनीति जरिया खोज (kashmir) रहे हैं. चूंकि मोदी ने साफ-साफ कह दिया है कि पाकिस्तान का पूरा हिसाब होगा.
घाटी में भी कार्रवाई
सिर्फ पाकिस्तान में ही खलबली नहीं है (kashmir) बल्कि घाटी में अलगाववादी नेताओं पर भी कार्रवाई की जा रही है. कम से कम 150 लोगों को हिरासत में लिया गया है. इसमें जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर चीफ अब्दुल हमीद फैयाज और जेकेएलएफ चीफ यासीन मलिक शामिल हैं. हालांकि पुलिस (kashmir) ने नियमित प्रक्रिया करार दिया. माना जा रहा है कि (kashmir) जमात-ए-इस्लामी पर पहली बार इतनी बड़ी कार्रवाई की गई है. ये संगठन पहले हिज्बुल मुजाहीदीन की राजनीतिक शाखा के तौर पर काम करता था.
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