पटना. पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के चुनाव को लेकर एनडीए के दो प्रमुख घटक दल बीजेपी और जेडीयू अब आमने-सामने आ गए हैं. बीजेपी के विधायक सहित कई नेता मंगलवार को पटना के पीरबहोर थाना के समक्ष जेडीयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी को लेकर धरने पर बैठे.
ये भी पढ़ें-बीजेपी की उमा नहीं लड़ेंगी 2019 चुनाव, अब राम मंदिर के लिए करेंगी काम
प्रशांत किशोर की कार पर हमले के आरोप में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के छात्रों की गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार को भाजपा विधायक नितिन नवीन और अरुण सिन्हा पीरबहोर थाना पहुंचे और वहीं धरने पर बैठ गए. बाद में कई और विधायक धरने में शामिल हो गए.
एबीवीपी को निशाना बनाया जा रहा
धरने में शामिल विधायक संजीव चौरसिया का कहना है कि प्रशांत किशोर की गाड़ी पर हुए हमला मामले में सभी की भूमिका की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस वक्त किशोर के वाहन पर हमला हुआ कई छात्र संघ के नेता वहां मौजूद थे, लेकिन निशाना केवल एबीवीपी को बनाया जा रहा है.
प्रशांत किशोर की गिरतारी हो
विधायक नितिन नवीन का कहना है कि छात्र संघ चुनाव में बाहरी नेताओं का हस्तक्षेप बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आचार संहिता लागू होने के बावजूद प्रशांत किशोर का विश्वविद्यालय परिसर में जाना कानून का विरोध करना है और इसलिए कानून के तहत प्रशांत किशोर की गिरतारी होनी चाहिए.
घबराहट कम नहीं होगी
इधर, जेडीयू नेता प्रशांत किशोर ने बिना किसी का नाम लिए इस मामले को लेकर भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि पटना यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनाव में संभावित हार की घबराहट मेरी गाड़ी पर पत्थर मारने से कम नहीं होगी.
ये भी पढ़ें-क्या बीजेपी ने खोज लिया राहुल के रफाल का काट? मिशेल को दुबई से भारत लाया गया
दरअसल, प्रशांत किशोर सोमवार को विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलने पहुंचे थे. कुलपति से जेडीयू नेता प्रशांत किशोर की मुलाकात की सूचना मिलने पर छात्र आक्रोशित हो गए और कुलपति आवास से प्रशांत किशोर के बाहर निकलते ही उन्हें छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा. इस दौरान छात्रों ने उनकी कार पर हमला बोल दिया था, जिसमें वह बाल-बाल बच गए थे.
Comments