दिल्ली। उत्तर प्रदेश में एक नई पार्टी लॉन्चिंग के लिए तैयार है. प्रतापपुर के कुंडा से निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप उर्फ राजा भैया ने नई राजनीतिक पार्टी के गठन का एलान किया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को तीन नाम भेजे गए हैं. हालांकि चर्चा है कि राजा भैया अपने दल का नाम ‘जनसत्ता पार्टी’ रखेंगे.
नाराज सवर्णों पर राजा भैया की नजर
पार्टी गठन के एलान के साथ ही राजा भैया ने अपने एजेंडा भी साफ कर दिया. राजा भैया ने लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एससी-एसटी ऐक्ट को लेकर सवाल भी खड़े किए. पार्टी की गठन के लिए बुलाए प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजा भैया ने आरक्षण के मुद्दे को भी जोर-शोर से उठाया. राजा भैया ने कहा कि प्रमोशन में आरक्षण लोगों को हतोत्साहित करता है. उन्होंने कहा कि योग्यता के आधार पर आरक्षण होना चाहिए.
एससी-एसटी ऐक्ट पर केंद्र को घेरते हुए राजा भैया ने कहा कि यह कदम न्यायोचित नहीं है. उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में पहले विवेचना और उसके बाद ही गिरफ्तारी होनी चाहिए. राजा भैया ने बताया कि लोकसभा चुनाव में एससी-एसटी ऐक्ट और आरक्षण में प्रमोशन का विरोध उनकी पार्टी का मुख्य मुद्दा होगा. इसके साथ राजा भैया ने एलान किया कि 30 नवंबर को लखनऊ के रमाबाई मैदान में रैली होगा. माना जा रहा है कि इसी रैली से राजा भैया 2019 लोकसभा चुनाव का आगाज करेंगे.
परदे के पीछे की राजनीति समझिए
अब राजा भैया के नई पार्टी गठन और पर्दे के पीछे की राजनीति को समझिए. चर्चा है कि इनकी नई पार्टी के गठन के पीछे बीजेपी के बड़े नेताओं का इशारा है. वो राजनीति के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. फिलहाल बीजेपी से पंगा लेना उनके लिए फायदेमंद नहीं होगा. ऐसे में नई पार्टी का गठन कर बीजेपी से नाराज नेताओं और वोटरों को थाम सकते हैं. ऐसे नेताओं को लामबंद कर सकते हैं. जो सपा और बसपा से नाराज चल रहे हैं. चुनाव के बाद फिर बीजेपी के पास जा सकते हैं. इनका इस्तेमाल बीजेपी एसपी-बीएसपी को रोकने के तौर पर कर सकती है. ऐसे में राजा भैया की पार्टी से मैदान में उतरनेवाले प्रत्याशी कई सीटों पर बीजेपी के प्रत्याशियों की राह आसान बना सकते हैं.
लखनऊ रैली के लिए टी-शर्ट तैयार
30 नवंबर को उनके राजनीतिक करियर का 25 साल पूरा हो रहा है, इस मौके पर वो लखनऊ में बड़ी रैली करेंगे. बाहुबली निर्दलीय विधायक के इस रैली के लिए एक टी-शर्ट भी छप गया है. इसी टी-शर्ट को पहन कर कार्यकर्ता रैली में आएंगे. टी-शर्ट पर उनका फोटो छपा है. माना जा रहा है कि इस रैली के जरिए सवर्णों और पिछड़ों को एकजुट होने का एलान करेंगे. सपा से रिश्ते खराब होने के बाद ये बड़ा दांव है.
राजा भैया के बारे में जानिए
- वो भले ही अब तक कुंडा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हों, मगर यूपी के करीब 24 से ज्यादा सीटों पर उनका सीधा दखल रहता है.
- भले ही पहली बार पार्टी बनाकर मैदान में उतरने की बात कर रहे हैं, मगर बीजेपी और एसपी से उनका निजदीकी रिश्ता रहा है.
- कुंडा से लगातार आठवीं बार विधायक हैं. 1993 से वो कुंडा से निर्दलीय जीतते आ रहे हैं.
- 1997 में बीजेपी की कल्याण सिंह सरकार में पहली बार मंत्री बने थे.
- 2002 में बसपा विधायक पूरन सिंह को धमकी देने के मामले में मायावती सरकार ने जेल भेज दिया था.
- मायावती की सरकार में उन पर पोटा कानून भी लगा था, जिसकी वजह से 18 महीने जेल में रहे.
- 2003 में मुलायम सिंह ने मुख्यमंत्री बनने के बाद उन पर से पोटा हटा लिया.
- बाद में सपा सरकार में मंत्री पद से नवाजा गया, तब से सपा के प्रति वफादार थे.