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लांबा का दर्द-ए-केजरीवाल, आखिर इतनी बेकरारी क्यों?

आम आदमी पार्टी यानी आप की नेता और विधायक अलका लांबा का दर्द-ए-केजरीवाल (alka lamba kejriwal) आखिरकार छलक ही आया। पार्टी से बर्खास्त नेता की आखिर ऐसी क्या बेकरारी थी कि उसने सीएम केजरीवाल पर उन्हें दरकिनार करने का आरोप लगा डाला।

लांबा का दर्द-ए-केजरीवाल

अलका लांबा ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें ट्वीटर, वाट्सएप्प से भी अनफ्रेंड कर दिया है। साथ ही पार्टी की तमाम आधिकारिक ग्रुप से भी उन्हें हटा दिया गया है। उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें ये भी अहसास है कि पार्टी को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं।

लांबा ने ये भी दर्द बयां किया है कि पार्टी उन्हें ये भी नहीं बता रही कि पार्टी के नेता (alka lamba kejriwal) उनसे नाराज क्यों हैं। उन्हें पार्टी की बैठकों में भी नहीं बुलाया जा रहा। न तो पार्टी उन्हें लेकर कोई स्टैंड ही क्लीयर कर रही है। ऐसे में आप नेता का दर्द हद से बाहर होता जा रहा है।

जाहिर है पहले बर्खास्तगी और फिर सोशल कनेक्टिविटी कट किए जाने से लांबा जी आहत हैं। लांबा के मुताबिक मौजूदा हालात में उनके लिए पार्टी में काम करना मुश्किल हो गया है। लेकिन जब तक वो विधायक हैं तब तक लोगों की सेवा करने का वादा भी करने से वो नहीं चूक रहीं।

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AAP बेकरार या अलका लांबा?

कहा ये जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से अलग-थलग पड़ी लांबा (alka lamba kejriwal) खुद अपने कारण ही इस स्थिति में हैं। दिसंबर में उनके एक शायरी ट्वीट ने उनकी मुश्किलें बढ़ाई जिसके मायने उनके कांग्रेस में वापसी को लेकर लगाए गए।

बाद में अलका लांबा ने सीएम केजरीवाल और पार्टी पर उनसे इस्तीफा मांगने का आरोप लगा दिया। जिसके बाद पार्टी को इस मसले पर सफाई देनी पड़ी थी।

हालांकि इससे पहले भी 2015 में पुलिस से खुद भिड़ने के बाद खुद पर हमले का गलत आरोप लगाने और गोपाल राय के मंत्रालय छोड़ने के मुद्दे पर भी अलका का पार्टी लीक से हटकर बयानबाजी करना उन्हें महंगा पड़ा था जब उन्हें प्रवक्ता पद से सस्पेंड कर दिया गया था।