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एक ओर इस्तीफे पर इस्तीफा, दूसरी तरफ राजतिलक की तैयारी

दिल्ली। मोदी (Modi) की बंपर जीत के बाद कहीं खुशी, कहीं गम वाली स्थिति दिख रही है. विपक्ष के खेमे में इस्तीफे पर इस्तीफे हो रहे हैं तो दूसरी नरेंद्र दूसरी बार हिन्दुस्तान की सत्ता संभालने की तैयारी में लगे हैं. ईवीएम और वीवीपैट की बात अब कोई नहीं करता है. चुनाव आयोग भी अब चैन की बांसुरी बजा रहा है.

MoDi की ताजपोशी की तैयारी

लोकसभा चुनाव में बीजेपी और उसके गठबंधन को ऐतिहासिक जीत मिली है. बीजेपी और उसके सहयोगियों को 353 सीटें मिली, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगियों को 91 और अन्य को 98 सीटें. एक बार फिर नरेंद्र मोदी (Modi) प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 30 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Modi) प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं.

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शपथ से पहले पीएम अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी जाएंगे, मगर उससे पहले वो अपने गृहराज्य गुजरात जाएंगे. यहां मादी मां से जीत का आशीर्वाद भी लेंगे. इससे पहले शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट के सहयोगियों के साथ राष्ट्रपति नरेंद्र मोदी (Modi) से मुलाकात की और अपना इस्तीफा सौंपा. इस इस्तीफे को राष्ट्रपति कोविंद ने मंजूर कर लिया और 16वीं लोकसभा भंग कर दी गई.

राहुल का इस्तीफा नामंजूर

कांग्रेस कार्यसमिति ने अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया. लोकसभा चुनाव 2019 की हार के बाद शनिवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई, जिसमें राहुल के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया गया. कार्यसमिति ने कहा कि ”ऐसे मुश्किल वक्त में पार्टी को उनके मार्गदर्शन की की जरूरत है. लिहाजा वो पार्टी अध्यक्ष के पद पर बने रहें”. राहुल गांधी ने कार्यसमिति में इस्तीफे की पेशकश की थी.

3 घंटे तक चली बैठक में यूपीए चीफ सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, महासचिव प्रियंका गांधी, एके एंटनी, पी. चिदंबरम, मीरा कुमार समेत कई बड़े नेता मौजूद थे. इस बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि ”वो अध्यक्ष पद पर नहीं रहना चाहते लेकिन पार्टी के लिए एक कार्यकर्ता के तौर पर काम करना चाहते हैं”. मगर कार्यसमिति ने उनकी गुजारिश को नहीं माना.

ममता ने कीं इस्तीफे की पेशकश

पश्चिम बंगाल में टीएमसी के खराब प्रदर्शन की वजह से दिल्ली से दूर कोलकाता में खलबली है. ममता बनर्जी के सांसदों की संख्या 34 के मुकाबले 22 रह गई है. कई बड़े नेता चुनाव हार गए हैं. इस बीच तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव में मिली शिकस्त पर इस्तीफे की पेशकश की हैं.

कोलकाता में ममता बनर्जी ने कहा कि ”पार्टी बैठक शुरू होते ही मैंने कहा कि मैं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में अब काम नहीं करना चाहती हूं. केंद्रीय शक्तियां (Modi) हमारे खिलाफ काम कर रही है. आपातकाल की स्थिति पूरे देश में तैयार की गई है. समाज को हिन्दू-मुस्लिम में बांट दिया गया है. हमने चुनाव आयोग से कई बार शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई”.

ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Modi) पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ”अब फिर मोदी ने पाकिस्तान को आमंत्रित (शपथ ग्रहण समारोह में) किया है. लेकिन वे लोग दूसरों को पाकिस्तानी क्यों कहते हैं?” उन्होंने कहा कि ”एक मुख्यमंत्री के रूप में प्रताड़ित महसूस कर रही हूं. इसलिए मुख्यमंत्री के रूप में अब बने रहना नहीं चाहती हूं”. ममता ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग पूरी तरह से बीजेपी (Modi) बन चुका है.