दिल्ली। प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) नए सियासी राह पर हैं. पटना में उनका आज बड़ा प्रेस कॉन्फ्रेंस है, जिसमें वो कुछ बड़ा एलान करने वाले हैं. राजनीति रणनीतिकार से जेडीयू के जरिए अपना सियासी सफर शुरू करने वाले प्रशांत किशोर अब नीतीश कुमार से अलग हो चुके हैं. मगर बिहार की सियासत में अब वो नए अवतार में नजर आएंगे.
Prashant Kishore नहीं बनेंगे सारथी
पटना में Prashant Kishore आगे की राजनीतिक दशा और दिशा पर विस्तार से खुलासा करेंगे. मीडिया से बातचीत में उन्होंने साफ कर दिया कि बिहार में वो एक चुनावी रणनीतिकार के तौर पर किसी के सारथी नहीं बनेंगे. बल्कि एक राजनीतिक योद्धा के तौर पर मैदान में उतरकर मुकाबला करेंगे.
राजनीति सक्रियता बढ़ेंगी: Prashant
Prashant Kishore ने कहा कि उनका जन्म बिहार में हुआ है, ऐसे में मेरा यहां से गहरा नाता है. हमने देश भर में भले ही राजनीतिक मैनेजर के तौर काम किया हो, मगर बिहार में एक पॉलिटिकल एक्टिविस्ट के तौर पर अपना सियासी सफर शुरू किया था. ऐसे में एक बात साफ तौर पर समझ लीजिए कि बिहार में मेरी भूमिका एक रणनीतिकार की नहीं बल्कि एक राजनीतिक कार्यकर्ता के तौर पर ही होगी. उन्होंने कहा कि मैं चुनाव हारने के लिए नहीं बल्कि जीतने के लिए उतरता हूं. मैं राजनीति से दूर नहीं जाऊंगा बल्कि राजनीतिक सक्रियता को अब और आगे बढ़ाने जा रहा हूं.
बिहार के लिए खास प्लान
Prashant Kishore ने बिहार के लिए एक खास प्लान बना रखा है. वो आने वाले दो-तीन महीनों में लोगों को साफ दिखाई देगा. इसके अलावा आगे की रणनीति का खुलासा मंगलवार को विस्तार से किया जाएगा. प्रशांत किशोर बताएंगे कि वो किस प्लान के तहत आगे काम करेंगे.
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चुनावी रणनीतिकार Prashant Kishore 2014 के उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने बीजेपी के चुनाव प्रचार को मोदी लहर में तब्दील कर दिया था. इसके बाद प्रशांत किशोर ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था. बिहार में नीतीश कुमार के लिए राजनीतिक मैनेजर के तौर पर काम किया और महागठबंधन को सत्ता दिलाने में सफल रहे.
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